जम्मूः जम्मू-कश्मीर भाजपा ने हुर्रियत कांफ्रेंस के साथ बातचीत का विरोध करते किया है. वहीं, सोमवार को दावा किया कि इस समय अलगाववादियों के साथ कोई भी बातचीत प्रतिकूल और प्रतिगामी कदम होगा.


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भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता अनिल गुप्ता ने एक बयान में कहा, "ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (अलगाववादी समूहों का एक धड़ा) को सार्वजनिक रूप से जम्मू-कश्मीर की निर्विवाद स्थिति को स्वीकार करना चाहिये और यह भारत का अभिन्न अंग है. 


उन्हें भारत के संविधान के प्रति निष्ठा रखनी चाहिए और इसके दायरे में रहकर ही बातचीत की मांग करनी चाहिये." 


अनिल ने कहा कि जेआरएल अथवा हुर्रियत से इन पूर्व शर्तों को स्वीकार किये बिना बातचीत करना प्रतिकूल और प्रतिगामी कदम होगा." 


गौरतलब है कि हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने कश्मीर समस्या समेत सभी मुद्दों के समाधान के लिये कश्मीरी नेतृत्व, नयी दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच त्रिपक्षीय वार्ता की अपील की थी. 


जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को कहा था कि हुर्रियत ने अपना रुख नरम किया है और पिछले साल अगस्त में जब उन्होंने राज्य का प्रभार संभाला, उसके बाद से ही वे बातचीत के पक्षधर रहे हैं.


(इनपुटः भाषा)