Loksabha Chunav: राम मंदिर उद्घाटन से पहले भी और बाद भी, पहले फेज की वोटिंग से ठीक पहले तक की स्ट्रेटेजी सेट
BJP on Lok Sabha Elections 2024: अगले कुछ महीने में होने जा रहे लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने राम मंदिर के उद्घाटन को पूरी तरह भुनाने का फैसला किया है. इसके लिए पहले फेज की वोटिंग से ठीक पहले तक की खास स्ट्रेटजी तैयार की गई है.
BJP Strategy for Lok Sabha Elections 2024: यह साल देश के राजनीतिक हालात के लिए खासा अहम रहने वाला है. इस साल दो अहम घटनाएं एक के बाद होने जा रही हैं. पहली, 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी, जिसके बाद भगवान राम के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का रेला उमड़ने वाला है. दूसरी, देश में लोकसभा के चुनाव होंगे, जिसमें जनता तय करेगी कि नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे या फिर उनकी जगह कोई और नया चेहरा पीएम की कुर्सी पर दिखाई देगा. बीजेपी ने राम मंदिर उद्धाटन से पहले भी और बाद भी यानी पहले फेज की वोटिंग से ठीक पहले तक की अपनी स्ट्रेटेजी सेट कर ली है. इसके लिए राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पार्टी देशभर में बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है.
चुनाव तक राममय बना रहेगा देश का माहौल
बीजेपी की रणनीति के मुताबिक लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर देश के माहौल को चुनाव तक पूरी तरह राममय बनाए रखने की योजना बनाई गई है. इसके लिए पार्टी की पूरी मशीनरी इस अभियान में जुटी हुई है. प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रीराम मंदिर 'राष्ट्रमन्दिर' कहलाएगा, जबकि माता शबरी के नाम पर अवधपुरी में भोजनालय होगा. इसी तरह रैन बसेरे का नाम निषादराज गुह्य अतिथि गृह होगा.
दुनिया में राम मंदिर की पहचान बनाने के लिए संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं और संयुक्त राष्ट्र की 9 भाषाओं में अयोध्या में स्मार्ट साईनेज बोर्ड लगेंगे. अयोध्या के साथ ही प्रयागराज-अयोध्या, गोरखपुर- अयोध्या, लखनऊ-अयोध्या, वाराणसी-अयोध्या मार्ग पर ऐसे स्मार्ट साइनेज लगेंगे.
विभिन्न शहरों से अयोध्या के लिए हेलीकॉप्टर सर्विस
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए 22 जनवरी को यूपी के विभिन्न शहरों से सीधी बस सर्विस मिलेगी. अयोध्या आगमन के लिए प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ से हेलीकॉप्टर सर्विस और वॉल्वो बसों की सेवाएं भी मिलेंगी.
अयोध्या में देश- दुनिया के ख्याति प्राप्त कलाकारों की ओर से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां की जाएंगी. प्रबुद्ध सम्मेलन होंगे, जिसमें तमाम विद्वान और साधु-संत भाग लेंगे. सरयू नदी में नावों पर 'सांस्कृतिक कला नौका यात्रा' का आयोजन होगा.
मकर संक्रान्ति से प्रदेश के सभी मंदिरों और आध्यात्मिक स्थलों पर भजन-कीर्तनों के कार्यक्रम शुरू होंगे. कीर्तन मंडलियों को शामिल करके तमाम नगरों और शहरों में राम मंदिर रथ निकाले जाएंगे और कलश यात्राओं का आयोजन होगा.
बुलाई जाएंगी रामलीला मंडलियां
भगवान राम के विभिन्न रूपों पर आधारित विभिन्न प्रान्तों/विभिन्न देशों की रामलीलाओं की अयोध्या में प्रस्तुति होगी. इसके लिए नेपाल, कम्बोडिया, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया आदि की रामलीला मंडलियों को भी बुलाया जाएगा.
बीजेपी से जुड़े पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पार्टी का दूसरा बड़ा अभियान शुरू होगा. यह अभियान 25 जनवरी से 25 मार्च तक चलेगा. माना जा रहा है कि उस वक्त तक देश में लोकसभा चुनाव के पहले फेज की वोटिंग का वक्त नजदीक आ चुका होगा. पार्टी की रणनीति के मुताबिक, जो लोग राम मंदिर के दर्शन करना चाहेंगे, पार्टी कार्यकर्ता ढोल नगाड़ों के साथ उनका टीका करके स्वागत करेंगे. जो लोग दर्शन करने जाना चाहते हैं, वह अपनी टिकट खुद लेकर दर्शन करने जाएंगे लेकिन उनके सहयोग और स्वागत के लिए पार्टी कार्यकर्ता व्यवस्था करेंगे.
बढ़ाई जाएगी ट्रेनों की संख्या
रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल अयोध्या में हर दिन 50,000 लोगों के रुकने की व्यवस्था है. अभी हर दिन अयोध्या के लिए विभिन्न शहरों से 37 ट्रेनें जाती हैं लेकिन प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश के 430 अलग-अलग शहरों से अयोध्या के लिए ट्रेन चलेगी. इसके साथ ही 35 स्पेशल trains और चलेगी. योजना के अनुसार, बीजेपी राम मंदिर के लिए बूथ स्तर से कार्यक्रम चलाएगी यानी हर बूथ से जो भी लोग राम मंदिर के दर्शन करने के लिए जाएंगे उनका सहयोग पार्टी कार्यकर्ता करेंगे. सूत्रों के मुताबिक इस अभियान को अमलीजामा पहनाने के लिए विधानसभा स्तर से लेकर लोकसभा स्तर तक कन्वीनर की नियुक्ति की जाएगी.
मंगलवार सुबह बनाई गई रणनीति
पार्टी की यह विशेष रणनीति मंगलवार सुबह दिल्ली में हुई विशेष बैठक में तैयार की गई. बैठक में सुबह की अध्यक्षता पार्टी के संगठन महामंत्री BL संतोष ने की जबकि समापन बैठक में जेपी नड्डा ने भाग लिया. इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह को भी शामिल होना था लेकिन मंत्रालय में व्यस्तता के कारण वे शामिल नहीं हो पाए.
इस अहम बैठक में हर बड़े प्रदेश से एक कन्वीनर और दो को-कन्वीनर शामिल थे, जबकि छोटे प्रदेश से दो प्रतिनिधि शामिल थे. बैठक में फैसला लिया गया कि पार्टी कार्यकर्ता लोगों तक पूरी जानकारी पहुंचाएंगे कि कैसे 1988 के पालमपुर अधिवेशन से बीजेपी ने हस्तक्षेप करके राम मंदिर अभियान की शुरुआत की और इस सपने को आखिरकार साकार किया.