नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में BJP कार्यकर्ता त्रिलोचन महतो और शक्तिपद सरकार की हत्या की जांच CBI को सौंपने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि पुलिस पहले ही आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. वहीं, तीसरे कार्यकर्ता दुलाल कुमार की मौत को पश्चिम बंगाल सरकार ने आत्महत्या करार दिया. कोर्ट ने इस पर राज्य सरकार से मेडिकल रिपोर्ट मांगी है. मामले की अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी.


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दरअसल, बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. गौरतलब है कि पंचायत चुनाव के बाद पुरुलिया जिले में एक के बाद एक तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं- त्रिलोचन महतो, दुलाल कुमार और शक्तिपद सरकार की संदिग्ध परिस्थिति मौत हो गई थी.


आपको बता दें कि बीजेपी का शुरू से ही आरोप है कि जंगल महल के झाड़ग्राम, पुरुलिया व इससे संलग्न इलाकों में पंचायत चुनाव में पार्टी ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी थी इसीलिए उसके कार्यकर्ताओं की निर्मम तरीके से हत्या की गई थी. हालांकि ममता सरकार इस आरोप को खारिज करते हुए पहले ही मामले की सीआइडी जांच का निर्देश दे चुकी है. बीजेपी को सीआईडी पर भरोसा नहीं है.


बीजेपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया द्वारा याचिका दाखिल कर मामले को तत्काल सीबीआइ को सौंपे जाने और मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये देने की मांग की गई है. इससे पहले भाटिया ने इस मामले में दलील पेश करते हुए कहा था कि पुलिस व सीआईडी ने जांच में तत्परता नहीं दिखाई है. तत्काल एफआईआर भी दर्ज नहीं किया गया था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि मृतकों के परिजनों को मुंह बंद रखने के लिए लगातार धमकियां मिल रही है इसलिए मामले को तुरंत सीबीआई को सौंपा जाए.