15 साल की नाबालिग को BSF ने तस्करों के चंगुल से आजाद कराया, लड़की ने सुनाई आपबीती
भारतीय दलाल ने लड़की को 2 दिन तक अपने घर में रखा, जहां पर उसके नकली आधार कार्ड बनाएं गए. लेकिन जब दलाल उसे अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कराने की फिराक में था, तो बीएसएफ ने उसे पकड़ लिया.
नई दिल्ली: बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने 15 साल की नाबालिग बांग्लादेशी लड़की को तस्करों के चंगुल से आजाद कराया है. नाबालिग लड़की को 24 मार्च को तस्करों से छुड़ाया गया. बीएसएफ के जवानों ने इस मामले में दलाल को भी गिरफ्तार कर लिया है.
बीएसएफ के इंटेलिजेंस ब्रांच को मिली थी सूचना
बीएसएफ की इंटेलिजेंस ब्रांच को एक विश्वस्त सूचना मिली कि सीमा चौकी तराली, 112 वीं वाहिनी के इलाके में इंडो-बांग्लादेश बॉर्डर रोड पर एक बाइक सवार की संदिग्ध हरकत को देखा गया है. ये बाइक सवार तराली की ओर से आ रहा था. जानकारी के मुताबिक, शख्स 15 साल की लड़की को बांग्लादेश से भारत ले जाने की कोशिश कर रहा था.
बीएसएफ के जवानों ने उसकी हरकतों को देखकर उसे रोका जिसके बाद बीएसएफ के जवानों को अपनी ओर आता देख, दलाल लड़की को छोड़कर भागने लगा. हालांकि बीएसएफ के जवानों ने उसे पकड़ लिया. इसके बाद बीएसएफ के जवान नाबालिग लड़की को और दलाल को सीमा चौकी तराली में पूछताछ के लिए लेकर आए.
इलाज के लिए आई थी भारत
प्रारंभिक पूछताछ में लड़की ने बताया कि उसका नाम रूबी (काल्पनिक नाम) है और वह बांग्लादेश के एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है. उसने ये भी बताया कि वह एक साल से लकवे की बीमारी से ग्रस्त है और इस के इलाज के लिए भारत आई थी. लड़की ने बताया कि उसकी बुआ मानुशी बीबी (काल्पनिक नाम) जो अशोक नगर, जिला उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल, भारत में रहती है, उसने उसे आने के लिए कहा था.
मिला था नौकरी का आश्वासन
लड़की के मुताबिक, उसकी बुआ ने उससे कहा कि वह भारत आ जाए और वह उसे नौकरी दिलवा देगी. इसके बाद वह बांग्लादेशी दलाल की मदद से 3 दिन पहले सोनई नदी को पार कर भारत में आई, जिसके बाद अबुल हुसैन ने उसे दूसरे दलाल को सौंप दिया. इस काम के लिए उसने बांग्लादेशी दलाल को 5000 रुपये दिए थे. वहीं भारत पहुंचने के बाद उसे आश्वासन दिया था कि 5000 रुपये और देगी.
भारतीय दलाल ने उसे 2 दिन तक अपने घर में रखा जहां पर उसके नकली आधार कार्ड बनाएं गए. लेकिन जब दलाल लड़की को अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कराने की फिराक में था, तो बीएसएफ ने उसे पकड़ लिया. तस्करों से बचाई गई नाबालिग लड़की और दलाल को पुलिस स्टेशन स्वरूपनगर में अग्रिम कानूनी कार्यवाही हेतु सौंप दिया गया.
साउथ बंगाल फ्रंटियर ने दिया ये बयान
दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हो रहे ऐसे घिनौने अपराध की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अक्सर दलाल भोली-भाली बांग्लादेशी लड़कियों को ज्यादा पैसों का लालच देकर उन्हें देह व्यापार की दलदल में धकेल इनके भविष्य से खिलवाड़ करते हैं और बांग्लादेशी लड़कियां इन कुख्यात तस्करों के जाल में फंस जाती हैं. साउथ बंगाल फ्रंटियर ने इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक्टिव किया हुआ है, जो लगातार ऐसी लड़कियों को तस्करों के चंगुल से आजाद कराने में लगा हुआ है.