Karnailganj accident: गोंडा के करनैलगंज में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के पुत्र और कैसरगंज से बीजेपी उम्मीदवार करन भूषण सिंह (Karan Bhushan Singh) के काफिले की गाड़ी ने चार युवकों को रौंद दिया. इस हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई और 2 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. इस हादसे में करण भूषण के काफिले में शामिल अनियंत्रित पुलिस स्कॉर्ट की गाड़ी ने बाइक सवार को जोरदार टक्कर मारी थी. इस दुर्घटना में बाइक सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं अन्य दो राहगीर भी गंभीर रूप से घायल हो गए. 


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दुर्घटना स्थल पर उमड़ी भीड़


कैसरगंज से बीजेपी प्रत्याशी करण भूषण सिंह के काफिले में शामिल थी वो गाड़ी जिससे हादसा हुआ. हादसे की खबर जंगल में लगी आग की तरह फैली. मौके पर पुलिस के पहुंचने के पहले लोगों की भीड़ जुट गई. दो लोगों की मौत से अक्रोशित भीड़ ने स्थानीय सीएचसी का घेराव किया. हादसे में पुलिस स्कॉर्ट की गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. टक्कर इतनी जोरदार की पुलिस स्कॉर्ट की गाड़ी के एयरबैग खुल गए. काफिले में शामिल सभी मौके से फरार हो गए हैं. मौके पर भारी पुलिस पर तैनात कर्नलगंज थानाक्षेत्र के हुजूरपुर में बहराइच रेलवे क्रॉसिंग के पास की ये घटना है.


इस हादसे ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुए उस हादसे की याद दिला दी, जिसमें बीजेपी नेता अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर गंभीर आरोप लगे थे. उस हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई थी. एफआईआर के मुताबिक चार पीड़ितों को कथित तौर पर आशीष मिश्रा द्वारा चलाए जा रहे एक वाहन द्वारा कुचल दिया गया था.


कौन है करण भूषण सिंह?


34 साल के करण भूषण सिंह (Karan Bhushan Singh) बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Bhushan Sharan Singh) के छोटे बेटे हैं. 13 दिसंबर 1990 को जन्में करण भूषण के एक बेटी और एक बेटा है. वह डबल ट्रैप शूटिंग के नेशनल खिलाड़ी रह चुके हैं. करण भूषण उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुना गया था. इसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा. करण भूषण के बड़े भाई प्रतीक भूषण सिंह बीजेपी के विधायक हैं.


गौरतलब है कि बृजभूषण शरण सिंह दो बार गोण्डा, एक बार बहराइच और कैसरगंज लोकसभा सीट से लगातार तीन बार के सांसद हैं. वो पहले भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और जीत चुके हैं. कैसरगंज सीट से अपना पहला चुनाव बृजभूषण सिंह समाजवादी पार्टी के टिकट पर ही जीते थे.