नई दिल्लीः हर बार बजट के बाद जिस विषय पर सबसे ज़्यादा चर्चा होती है, वो है टैक्स. इस बार सरकार ने टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया है. चाहे वो Direct Taxes हों या Indirect Taxes हों. Direct Tax का मतलब इनकम और Corporate कम्पनियों से मिलने वाले टैक्स से है. और Indirect Taxes का मतलब GST से है. या ऐसे Taxes से हैं.. जो देश का अमीर भी देता है और गरीब  भी.


Income Tax Slab भी पहले जैसा


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसके अलावा कोई भी टैक्स अलग से बढ़ाया नहीं गया है. इसके अलावा सरकार ने Income Tax Slab को भी पहले जैसे ही रखा है. यानी जिन लोगों को उम्मीद थी कि इस बार टैक्स फ्री इनकम की लिमिट बढ़ सकती है, वो निराश हुए हैं. भारत में इस समय टैक्स फ्री इनकम की लिमिट ढाई लाख है. और अगले वित्त वर्ष में भी ये बरकरार रहेगी. हालांकि जो लोग इस बात से निराश हैं, उनके लिए बजट में महाभारत के एक प्रसंग का ज़िक्र किया गया है.


लोगों के कल्याण के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं..


महाभारत के 72वें अध्याय के 11वें श्लोक में लिखा है कि.. राजा को किसी भी प्रकार की ढिलाई न करते हुए, धर्म के अनुरूप.. कर यानी Taxes का संग्रहण करना चाहिए. साथ ही, राज धर्म के अनुसार शासन करके लोगों के कल्याण के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करनी चाहिए.


टैक्स लिया जाना न्यायसंगत


इस श्लोक का ज़िक्र करके सरकार ने ये बताने की कोशिश की कि, इस समय हमारे देश का जो वर्ग जितना टैक्स दे सकता है, उससे उतना टैक्स लिया जाना न्यायसंगत है. यानी मध्यवर्ग को जितनी राहत मिल रही है और जितनी छूट उसे मिली हुई है, वो सरकार की नजर में अभी के लिए उचित है.


ITR को 2 साल तक Revise कर सकेंगे


यहां आपके लिए एक एक्स्ट्रा जानकारी ये है कि 2014 से 2020 के बीच देश में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाले लोगों की संख्या तीन करोड़ 31 लाख से बढ़ कर साढ़े 6 करोड़ हो चुकी थी. आप ये भी कह सकते हैं कि 135 करोड़ के भारत में केवल साढ़े 6 करोड़ लोग ही अपनी इनकम पर टैक्स रिटर्न भरते हैं. और इस बजट में बताया गया है कि ये लोग अब अपनी इनकम टैक्स रिटर्न को दो साल तक Revise कर सकेंगे. यानी अगर इसमें कोई गलती रह गई थी तो उसे दो साल के अन्दर ठीक कर सकते हैं.