मुंबई: दक्षिण मुंबई में मंगलवार देर शाम एक चार मंजिला रिहाइशी इमारत गिरने से 13 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक 18 महीने का बच्चा और चार महिलाएं शामिल हैं. इमारत के मलबे से 8 घायल लोगों को निकालने में बचावकर्मियों को सफलता मिली है. डोंगरी इलाके के केसरबाई भवन के मलबे में अभी भी 6 के लगभग परिवारों के फंसे होने की आशंका है. सभी घायलों का इलाज नज़दीक के JJ अस्पताल में चल रहा है. 


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दमकल विभाग और एनडीआरएफ कि टीम राहत और बचाव कार्य में अभी भी जुटी हुई है. इमारत का अवैध रूप से बना हिस्सा पूर्वान्ह 11.30 बजे ढह गया.


बीएमसी के प्रवक्ता ने बताया कि मरने वालों की पहचान साबिया निसार शेख (25), सायरा रेहान शेख (25), के. अमीराजान (13), सना सलमानी (25), जुबैर सलमानी (20), अब्दुल सत्तार कालू शेख (55), मुजम्मिल मंसूर सलमानी (15), जावेद इस्माइल (34), अरहान शहजाद (40), इब्राहीम (डेढ़ साल) के रूप में हुई है.


मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना की जांच का आदेश दिया है और कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.


विपक्षी दलों ने हादसे के लिए सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए घटना की विस्तृत जांच की मांग की है. उन्होंने दोषी पाए जाने वालों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है.


इस बीच, एक आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने आईएएनएस को बताया, "बृहनमुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन (बीएमसी) ने बांबे उच्च न्यायालय के निर्देश पर जर्जर इमारतों की सूची तैयार की थी. स्तब्ध करने वाली बात है कि इस सूची में केसरबाई इमारत का दूर दूर तक नाम नहीं है."


इस पर स्थिति को स्पष्ट करते हुए महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी की मुख्य प्रवक्ता वैशाली गडपले ने एक बयान में कहा कि केसरबाई भवन को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा बीते साल ही पूरी तरह से खाली करा लिया गया था. मंगलवार को इमारत का जो पीछे का अवैध हिस्सा गिरा है, वह मुंबई बिल्डिंग रिपेयर एंड कंस्ट्रक्शन बोर्ड के दायरे में नहीं आता.


इनपुट: विनय तिवारी