Bundelkhand Expressway: कुछ दिनों पहले ही पीएम मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया था. 16 जुलाई को यह एक्सप्रेस-वे शुरू हुआ और आज यानी 21 जुलाई को इसकी बदहाली की तस्वीरें सामने आने लगीं. लोग तस्वीरें देख कर कह रहे हैं कि यह एक्सप्रेस-वे पहली बारिश भी नहीं झेल पाया. लोकार्पण के पहले कहा जा रहा था कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे मजबूती की मिसाल बनेगा, लेकिन जरा सी बारिश ने मजबूती के दावे की हवा निकाल दी है.


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पीएम मोदी ने 5 दिन पहले ही किया उद्घाटन


प्रधानमंत्री मोदी ने 16 जुलाई को जालौन के कथेरी गांव से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया था. जिसके बाद जनता के लिए यह एक्सप्रेस-वे खोल दिया गया था. सरकार के अफसरों ने एक्सप्रेस-वे को पूरी गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में पूरा करने का दावा किया था. कहा गया कि यह एक्सप्रेस-वे 2023 में पूरा होना था लेकिन कोरोना के बावजूद भी समय से पहले काम पूरा कर लिया गया. 


195 किमी पर धंसा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे


उत्तर प्रदेश में अभी मॉनसून का मौसम चल रहा है. ऐसे में बुधवार को बारिश के बाद बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का जायजा लिया गया तो जालौन के छिरिया सलेमपुर से निकलते ही एक्सप्रेस-वे के 195 किलोमीटर पर सड़क धंसी मिली. सड़क पर करीब 8 फीट लंबा और 1 फीट गहरा गड्‌ढा हो गया था. जिसकी जानकारी मिलने के बाद इस लेन को बंद कर दिया गया. जेसीबी से गड्‌ढे को भरा जा रहा है.


विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना


एक्सप्रेस-वे की हालत को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. सपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा, 'बारिश ने खोल दी अधूरे बुंदेलखंड एक्स्प्रेसवे की पोल. प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पित बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का बारिश में निकला दम. अधूरे एक्सप्रेसवे को बुंदेलखंडियो के लिए सौगात बताने वाली भाजपा सरकार कर रही जनता को गुमराह. शर्म करो प्रचारजीवी सरकार.'


सपा प्रमुख ने कसा तंज



इसके अलावा सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया, 'ये है भाजपा के आधे-अधूरे विकास की गुणवत्ता का नमूना… उधर बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का बड़े लोगों ने उद्घाटन किया ही था कि इधर एक हफ्ते में ही इस पर भ्रष्टाचार के बड़े-बड़े गड्ढे निकल आए. अच्छा हुआ इस पर रनवे नहीं बना.'


समय से पहले पूरा हुआ 296 किमी एक्सप्रेस-वे का काम


गौरतलब है कि चित्रकूट से इटावा तक बने 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे को 14800 करोड़ की लागत से बनाया गया है. यूपीडा (Uttar Pradesh Expressways Industrial Development Authority) के CEO अवनीश अवस्थी ने इसकी गुणवत्ता को उच्च क्वालिटी का बताया था, लेकिन इसकी क्वालिटी की पोल जालौन में बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश ने खोल दी. बताते चलें कि, रिकार्ड 28 महीने में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे तैयार कर दिया गया है. जबकि इसे 36 महीने में तैयार करने का लक्ष्य था.


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