Mahua Moitra Reaction on Cash for Question Case: पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा की आचार समिति ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की है. इस सिफारिश पर महुआ मोइत्रा भड़क गई हैं. समिति की सिफारिश खारिज करते हुए मोइत्रा ने इसे ‘एक कंगारू अदालत द्वारा पहले से फिक्स मैच’ करार दिया. महुआ ने कहा कि यह भारत में ‘लोकतंत्र की मौत’ है.


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'अगली बार बड़े अंतर से जीतकर आऊंगी'


पीटीआई को फोन पर दिए इंटरव्यू में महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘भले ही वे मुझे लोकसभा से निष्कासित कर दें लेकिन मैं अगली लोकसभा में इससे भी बड़े अंतर से जीतकर आऊंगी.’


समिति की रिपोर्ट पर भड़कते हुए मोइत्रा (Mahua Moitra Cash for Question Case) ने कहा, ‘यह एक कंगारू अदालत का पहले से फिक्स मैच है, जिसमें हैरानी की कोई बात नहीं है. लेकिन देश के लिए बड़ा संदेश यह है कि भारत के लिए यह संसदीय लोकतंत्र की मृत्यु है.’


वे आचार समिति को कंगारू अदालत क्यों कह रही हैं, इस पर महुआ ने कहा, ‘पहले दिन से यह कंगारू अदालत थी. कोई सबूत नहीं, कुछ नहीं. उन्होंने मुझे पूछताछ के लिए बुलाया, वो पूरी नहीं हुई क्योंकि अध्यक्ष ने अन्य लोगों को मुझसे प्रश्न पूछने की अनुमति नहीं दी.’


'मुझे जिरह की अनुमति नहीं दी गई'


मोइत्रा (Mahua Moitra Cash for Question Case) ने मुख्य शिकायती से जिरह की अपनी मांग का उल्लेख करते हुए कहा, ‘मुझे मुख्य शिकायती से जिरह की अनुमति नहीं दी गई. आज तक नकदी या उपहारों के बारे में सबूत का एक टुकड़ा तक नहीं दिया गया. लॉग-इन साझा करने का कोई मुद्दा ही नहीं है क्योंकि हर सांसद 10 लोगों के साथ इसे साझा करता है.’


मोइत्रा ने लॉग-इन आईडी और उपहारों के आदान-प्रदान पर अपने रुख को साफ करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी अनैतिक या गैरकानूनी नहीं किया है. महुआ ने कहा कि आचार समिति के अधिकार क्षेत्र में निष्कासन नहीं आता.’


मोइत्रा (Mahua Moitra Cash for Question Case) ने कहा, ‘अगर यह वास्तव में पैसे लेकर सवाल पूछने का गंभीर मामला है तो यह विशेषाधिकार हनन का मामला है और विशेषाधिकार समिति को भेजा जाना चाहिए. आचार समिति का कार्यक्षेत्र अनैतिक आचरण को देखना है.’


'कोई मुझे चुप नहीं करवा सकता'


उन्होंने साफ किया कि सिफारिश को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है और इसे संसद के शीतकालीन सत्र में लिया जाना चाहिए. तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह फैसला उन्हें सवाल पूछते रहने और ‘भाजपा-अडाणी की मिलीभगत’ का खुलासा करने से नहीं डिगा सकता .


उन्होंने कहा, ‘पहली बात तो यह केवल एक सिफारिश है. अभी कुछ नहीं हुआ है. वे इसे संसद के शीतकालीन सत्र में लाएं. यह दरअसल मेरे लिए कुछ नहीं है. यह मुझे चुप नहीं कर सकता.’


निष्कासन की सिफारिश के आचार समिति के कार्य क्षेत्र की वैधता पर सवाल खड़ा करते हुए मोइत्रा (Mahua Moitra Cash for Question Case) ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि भाजपा ने पूरे देश को दिखा दिया है कि उन्होंने संसदीय लोकतंत्र का कैसा मजाक बनाया है.’


भविष्य की रणनीति पर दिया ये संकेत


भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर मोइत्रा (Mahua Moitra Cash for Question Case) ने कहा, ‘पहले वे मुझे निष्कासित करें.’ उन्होंने संकेत दिया कि वह अपने अगले कदम का ऐलान बाद में करेंगी.


बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा की शिकायत की थी. दुबे का कहना है कि कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर महुआ मोइत्रा ने अपने लॉग इन से संसद में सवाल पूछे और ऐसा करके सदन की गोपनीयता का उल्लंघन किया. इस आरोप की सुनवाई कर रही बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आजार समिति ने गुरुवार को महुआ मोइत्रा के निष्कासन के सुझाव वाली अपनी रिपोर्ट को मंजूरी दी. 


(एजेंसी भाषा)