Manish Sisodia: सिसोदिया के घर 15 घंटे चली रेड, डिप्टी CM बोले- CBI को कंट्रोल किया जा रहा
Manish Sisodia CBI raid: मनीष सिसोदिया ने कहा कि रेड के दौरान सीबीआई के अधिकारियों का बर्ताव अच्छा था और वह अपने साथ विभागों की कुछ फाइलें और दस्तावेज ले गए हैं. उन्होंने कहा कि हमने कोई गलत काम नहीं किया है और सीबीआई जांच से डरने वाले नहीं हैं.
Delhi excise policy scam: शराब घोटाले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर करीब 15 घंटे से जारी CBI की रेड अब खत्म हो चुकी है. जांच एजेंसी ने सिसोदिया के घर से अहम दस्तावेज भी बरामद किए हैं. रेड के बाद मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि सीबीआई को ऊपर से कंट्रोल किया जा रहा है और जांच एजेंसा का दुरुपयोग हो रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के अच्छे कामों को रोकने के लिए ऐसा किया जा रहा है लेकिन हम कट्टर ईमानदार लोग है, आगे भी अच्छे कामों को करना जारी रखेंगे. सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में अच्छी सरकारी शिक्षा और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं को देने का काम जारी रहेगा.
हमारे अच्छे काम रोकने की कोशिश
सिसोदिया ने कहा कि रेड के दौरान सीबीआई के अधिकारियों का बर्ताव अच्छा था और वह अपने साथ विभागों की कुछ फाइलें और दस्तावेज ले गए हैं. उन्होंने कहा कि हमने कोई गलत काम नहीं किया है और सीबीआई जांच से डरने वाले नहीं हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि सीबीआई मेरा फोन अपने साथ ले गई है और मेरे कंप्यूटर को सीज किया गया है. उन्होंने फिर से दोहराता हुए कहा कि हम ईमानदार राजनीति करते हैं और दिल्ली सरकार के अच्छे कामों को रोकने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल किया जा रहा है.
सीबीआई ने इससे पहले दिल्ली की आबकारी नीति में घोटाले के आरोपों के बाद सिसोदिया समेत 15 लोगों को खिलाफ FIR दर्ज की थी. इस मामले में दो कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है. दिल्ली में शराब नीति बनाने और इसे लागू कराने में भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी जिसके बाद सीबीआई ने सरकारी अधिकारियों, शराब कारोबारी और दो कंपनियों के नाम पर FIR दर्ज की है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केंद्र सरकार से मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी.
शराब नीति में हुआ था भ्रष्टाचार
दरअसल यह पूरा मामला दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में हुए घोटाले से जुड़ा हुआ है. दिल्ली के LG वीके सक्सेना ने पहले चीफ सेक्रेटरी से इस मामले की जांच करवाई थी और फिर 8 जुलाई 2022 को चीफ सेक्रेटरी ने उपराज्यपाल को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में आबकारी नीति में सरकार ने कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने की बात कही गई थी जिसमें पॉलिसी बनाने वाले अफसरों के अलावा शराब कारोबारी शामिल थे. रिपोर्ट के आधार पर ही उपराज्यपाल ने 20 जुलाई को केंद्र सरकार के गृह सचिव को चिट्ठी लिखकर इस पूरे केस की जांच CBI से करवाने की मांग की थी. इसके बाद गृह मंत्रालय ने 22 जुलाई को जांच के लिये सीबीआई को नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके बाद से ही एजेंसी ने जांच अपने हाथों में ले ली है और इस केस में शुक्रवार को 31 ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी.
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