Chandigarh University MMS Case News: पंजाब पुलिस ने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में एक छात्रा द्वारा शौचालय में कई छात्राओं के आपत्तिजनक वीडियो बनाए जाने के आरोपों की जांच के लिए सोमवार को तीन सदस्यीय एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जिसकी सभी सदस्य महिला हैं. इस बीच, मोहाली के खरड़ की एक अदालत ने छात्रा समेत तीनों आरोपियों को सात दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया. 


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इस मुद्दे को लेकर पंजाब के मोहाली में शनिवार रात विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन हुआ. कुछ छात्रों ने यह भी दावा किया कि छात्रा द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो लीक भी हो गए हैं. पुलिस ने पूर्व में कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि गिरफ्तार छात्रा ने अपने 23 वर्षीय "प्रेमी" के साथ केवल अपना एक वीडियो साझा किया तथा किसी अन्य छात्रा का कोई आपत्तिजनक वीडियो नहीं मिला.


विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने भी उन खबरों को "गलत और निराधार" बताकर खारिज किया था जिनमें दावा किया गया था कि विश्वविद्यालय के छात्रावास में कई छात्राओं के वीडियो बनाए गए जो सोशल मीडिया पर लीक किए गए और छात्राओं ने प्रकरण के बाद आत्महत्या का प्रयास किया. हालांकि, छात्रों ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर "तथ्यों को दबाने" का आरोप लगाया था और रविवार शाम फिर से विरोध प्रदर्शन किया, जो देर रात तक जारी रहा.


एसआईटी का गठन किया गया
पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने कहा कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सामुदायिक मामले विभाग और महिला मामले) गुरप्रीत कौर देव की देखरेख में एसआईटी का गठन किया गया है. यादव ने कहा कि टीम मामले की गहन जांच करेगी और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘जांच पूरी गति से चल रही है."


एसआईटी में लुधियाना की पुलिस अधीक्षक (काउंटर इंटेलिजेंस) रूपिंदर कौर भट्टी प्रभारी के रूप में शामिल हैं, जबकि दो सदस्यों में खरड़ -1 पुलिस उपाधीक्षक रूपिंदर कौर और पुलिस उपाधीक्षक (गैंगस्टर रोधी टास्क फोर्स) दीपिका सिंह शामिल हैं. अधिकारियों ने कहा कि एसआईटी उपमहानिरीक्षक (रूपनगर रेंज) गुरप्रीत सिंह भुल्लर और मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विवेक शील सोनी की देखरेख में काम करेगी और यह कार्यात्मक आवश्यकताओं के आधार पर किसी अन्य सदस्य को समायोजित कर सकती है.


संबंधित छात्रा को कुछ ही देर में गिरफ्तार कर लिया गया था जबकि उसके कथित प्रेमी को रविवार को हिमाचल प्रदेश से पकड़ा गया. मामले में तीसरे आरोपी 31 वर्षीय एक व्यक्ति को रविवार शाम पर्वतीय राज्य से ही पकड़ा गया था. दोस्त बताए जा रहे दो पुरुष आरोपियों को पंजाब पुलिस के हवाले कर दिया गया था. पुलिस ने तीनों आरोपियों के फोन भी फॉरेंसिक जांच के लिए जब्त कर लिए हैं.


अदालत ने आरोपियों को सात दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा
पुलिस ने तीनों आरोपियों को सोमवार को मोहाली के खरड़ की एक अदालत में पेश किया और उनका 10 दिन का रिमांड मांगा. हालांकि अदालत ने आरोपियों को सात दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया. अदालत के बाहर पत्रकारों से आरोपी के वकील संदीप शर्मा ने कहा कि दो वीडियो थे- एक आरोपी छात्रा का था और दूसरा किसी अन्य लड़की का था. संबंधित छात्रा पर आरोपों के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि यह जांच का विषय है.


मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विवेक शील सोनी ने कहा कि निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के आश्वासन के बाद, छात्रों ने बीती रात लगभग डेढ़ बजे अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया.


इस बीच, विश्वविद्यालय ने 24 सितंबर तक "गैर-शिक्षण दिवस" ​​​​की घोषणा की, जिसके बाद कई छात्रों को अपने घर लौटते देखा गया. कुछ अभिभावक भी परिसर से अपने बच्चों को वापस ले गए. विश्वविद्यालय ने लापरवाही के आरोप में दो वार्डन को भी निलंबित कर दिया है.


विश्वविद्यालय के सूत्रों ने कहा कि छात्रावास के समय जैसे कुछ मुद्दों को हल करने के लिए विद्यार्थियों और वरिष्ठ अधिकारियों की एक संयुक्त समिति का गठन किया गया है. यह कदम विद्यार्थियों के शौचालय क्षेत्र में अधिक गोपनीयता और छात्रावास के समय में छूट की मांग के बाद उठाया गया है.


विश्वविद्यालय ने एक ट्वीट में कहा कि वह अपने विद्यार्थियों के साथ खड़ा है. विश्वविद्यालय की तरफ से कहा गया, "हम हमेशा अपने छात्र-छात्राओं के साथ है, चाहे वह उनकी शैक्षणिक आकांक्षाएं हों या उनकी सुरक्षा और कल्याण. हम अपने छात्रों के प्रति इस प्रतिबद्धता को पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे."


 'जांच पूरी गति से चल रही है'
इस बीच, पंजाब के पुलिस महानिदेशक यादव ने कहा, "चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में, मैं यह बताना चाहता हूं कि जांच पूरी गति से चल रही है. पुलिस ने मामले में तीन गिरफ्तारियां की हैं, जिनमें आरोपी छात्रा और हिमाचल प्रदेश के दो अन्य लोग शामिल हैं. कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं.’’


यादव ने कहा, "मैं कल देर रात दो लोगों को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब पुलिस को हरसंभव सहयोग देने पर हिमाचल के पुलिस महानिदेशक और हिमाचल प्रदेश पुलिस को धन्यवाद देना चाहता हूं." उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री के निर्देश पर पहले ही उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए जा चुके हैं.


यादव ने कहा, "मैं छात्र-छात्राओं, अभिभावकों और समुदाय को दो आश्वासन देना चाहता हूं - पहला, हम सभी व्यक्तियों की गोपनीयता और गरिमा का सम्मान करेंगे. दूसरा, हम पूरी तरह से जांच करेंगे और जो भी इसमें शामिल होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा...." पुलिस महानिदेशक ने लोगों और छात्रों से अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा.


अधिकारी ने कहा, "मैं सभी से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील करना चाहता हूं. सोशल मीडिया पर बहुत सारी सामग्री प्रसारित की जा रही है, जो कभी-कभी असत्यापित और अपुष्ट होती है. इसलिए, मैं कहूंगा कि जानकारी के लिए प्रामाणिक चैनल देखें. सभी समाज के सदस्यों के रूप में हम सभी का कर्तव्य है कि हम शांति और सद्भाव बनाए रखें."


पुलिस ने कहा कि मामले में भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और आगे की जांच जारी है.


(इनपुट - भाषा)


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