ISRO के मिशन चंद्रयान-3 को बड़ी कामयाबी, डीबूस्टिंग का पहला चरण सफल
Chandrayan-3 Video: स्पेस साइंस की दुनिया में भारत ने एक और बड़ा इतिहास रच दिया है. ISRO के मुताबिक, मिशन चंद्रयान-3 के डीबूस्टिंग की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी चुकी है और अब चंद्रयान-3 चांद के निचली कक्षा में प्रवेश कर चुका है.
Chandrayan-3 Video: भारत का चंद्रयान-3 स्पेस में कमाल पर कमाल कर रहा है. चांद पर लैंडिंग से पहले चंद्रयान -3 ने स्पेस से एक वीडियो भेजी है. वीडियो देखकर साफ पता चलता है कि चंद्रयान-3 चांद के सहत के काफी नजदीक पहुंच चुका है. ISRO के मुताबिक, चांद ने अपने लक्ष्य की दिशा में एक और पड़ाव पार कर लिया है. आपको बता दें कि यान के डीबूस्टिंग की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है.
चंद्रयान-3 द्वारा साझा किए गए वीडियो को इसरो (ISRO) ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसमें चंद्रयान-3 को चांद के काफी करीब से देखा जा सकता है. चंद्रयान-3 भारत के लिए एक महत्वाकांक्षी मिशन है. अब पूरे देश को 23 अगस्त का इंतजार है, जब चांद के दक्षिणी ध्रुव पर स्पेसक्राफ्ट की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराई जाएगी. तय समय के अनुसार 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 47 मिनट पर चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखेगा. ISRO ने कहा है कि डीबूस्टिंग का पहला चरण सफल हो चुका है. इसके साथ ही चंद्रयान-3 चांद की निचली कक्षा में प्रवेश कर गया है. इसरो ने गुरुवार को बताया था कि चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल और प्रोपल्शन मॉड्यूल सफलतापूर्वक अलग हो गए थे. इसके बाद चंद्रयान तेजी से चांद की ओर बढ़ रहा है.
चंद्रयान-3 मिशन को करीब 600 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. 14 जुलाई को चंद्रयान-3 लॉन्च किया गया था. ISRO के मुताबिक चांद के दक्षिणी ध्रुव तक जाने में चंद्रयान-3 को करीब 41 दिन लगेंगे. चांद के दक्षिणी ध्रुव को लेकर वैज्ञानिकों में हमेशा से जिज्ञासा रही है. वैज्ञानिकों का मानना है कि चांद के इस इलाके में पानी मिलने की संभावना है. अगर भारत का चंद्रयान-3 ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल रहता है तो अमेरिका, चीन और सोवियत संघ के बाद भारत इस तकनीक में महारत हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा.
(इनपुट: एजेंसी)