Delivers Baby from WhatsApp Group Advice: चेन्नई से एक बहुत ही हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. जहां पर एक कपल ने बहुत बड़ा रिस्क लिया और घर में ही अपने बच्चे को जन्म देने का प्लान बनाया. हैरानी तो तब हुई जब बच्चे की डिलीवरी के लिए किसी डॉक्टर से न सलाह लेते हुए एक व्हाट्सएप ग्रुप के मेंबरों की सलाह मानी. जिसके बाद जब यह मामला सामने आया है, तो बवाल मचा है. आइए जानते हैं पूरा मामला.


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व्हाट्सएप ग्रुप के ज्ञान से करा दी डिलीवर
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, चेन्नई के कुंद्राथुर में एक कपल ने व्हाट्सएप ग्रुप की सलाह का पालन करते हुए घर पर ही बच्चे को जन्म दिया. एक अर्थमूवर ड्राइवर और उसकी पत्नी ने हाल ही में कुंद्राथुर में अपने बच्चे को घर पर ही जन्म दिया है. इसके लिए  1,024 सदस्यों वाले व्हाट्सएप ग्रुप पर की गई पोस्ट और फोटो के जरिए कराई डिलीवरी. जब इस कपल ने अपने बच्चे की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किया तो लोगों का ध्यान इस पर गया. इसने स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए भी खतरे की घंटी बजा दी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी.


जानें कहां का है मामला?
तिरुवन्नामलाई के 36 साल के अर्थमूवर ऑपरेटर मनोहरन और उनकी पत्नी सुकन्या जो 32 साल की हैं. उनकी पहले से दो बेटियां हैं. एक आठ साल की और दूसरी चार की. जो कुंद्राथुर के पास नंदंबक्कम में किराए के घर में रहते हैं.


जांच में क्या पता चला?
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि मनोहरन 'होम बर्थ एक्सपीरियंस' नामक व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा थे, जिस पर घर पर प्रसव कराने के बारे में सलाह और फोटो डेली पोस्ट किए जाते थे. जब सुकन्या तीसरी बच्चे के साथ गर्भवती हुई, तो उसने अपनी गर्भावस्था के दौरान कोई भी मेडिकल जांच नहीं कराने का फैसला किया. 17 नवंबर को उसे अचानक घर पर प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. पुलिस ने कहा कि उसे अस्पताल ले जाने के बजाय, मनोहरन ने व्हाट्सएप ग्रुप में भेजे गए जानकारी के आधार पर खुद ही प्रसव कराने का फैसला किया.


बच्चा पैदा होने के बाद मामला क्यों हुआ दर्ज
बच्चे के जन्म के बाद क्षेत्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी ने कुंद्राथुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा गया कि मनोहरन के कार्यों ने निर्धारित चिकित्सा सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया है. शिकायत के बाद पुलिस की एक टीम मनोहरन को पूछताछ के लिए ले आई. उसके मोबाइल फोन की जांच करने पर अधिकारियों को व्हाट्सएप ग्रुप में उसकी सदस्यता का पता चला और पाया कि ग्रुप की गतिविधियों में घर पर प्रसव कराने के बारे में विस्तृत चर्चाएं थीं.