New Chief Justice of India: चीफ जस्टिस के चुनाव में खास हैं वो 30 दिन! राष्ट्रपति तक पहुंचता है लेटर, पूरी प्रक्रिया समझिए
CJI appointment Process: क्या आपको पता है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का चुनाव कैसे होता है? अगर नहीं पता है तो हम आपको सीजेआई की नियुक्ति को लेकर आपके मन में उठ रहे सभी सवालों का जवाब देने जा रहे हैं.
Chief Justice of India: जस्टिस संजीव खन्ना को सुप्रीम को कोर्ट का चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चुन लिया गया है. मौजूदा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने इसकी सिफारिश की थी. जस्टिस संजीव खन्ना के नाम पर केंद्र सरकार की ओर से मुहर भी लग गया है. जस्टिस खन्ना 11 नवंबर को चीफ जस्टिस का पदभार संभालेंगे. अब जब जस्टिस संजीव खन्ना चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चुने गए है तब से लोगों के मन में सवाल उठने लगा है कि आखिर कैसे होती है चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की नियुक्ति? लोगों के मन में उठ रहे सवालों के बीच हमने कोशिश की है कि आखिर कैसे होता है इनका चुनाव? कौन करता है चुनाव? कौन दिलाता है इन्हें शपथ? तो आपके मन में उठ रहे इन सभी सवालों के जवाब को लेकर हम आपके पास आए हैं.
क्या है नियुक्ति प्रक्रिया?
परंपरा के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जस्टिस चीफ जस्टिस बनते हैं. इसके लिए एक मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर बनाया गाय है. इसे हम एमओपी (MoP) भी कहते हैं. एमओपी के अनुसार चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पद पर नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जस्टिस की होनी चाहिए. एमओपी साल 1999 में बना था. एमओपी बनने के पहले भी सीजेआई का चुनाव इसी तरह होता था. तब भी सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जस्टिस को शीर्ष पद पर नियुक्त किया जाता था.
कैसे शुरू होती है प्रक्रिया?
एमओपी के मुताबिक जब केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री भारत के चीफ जस्टिस से मांग करते हैं कि अगले चीफ जस्टिस के लिए अनुशंसा भेज दें. नियम के मुताबिक प्रक्रिया की शुरुआत तब होती है जब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को रिटायर होने में एक करीब महीने का वक्त रह जाता है. इसी दौरान मौजूदा चीफ जस्टिस अपनी ओर से नए चीफ जस्टिस के लिए पद में सबसे वरिष्ठ जस्टिस के नाम की अनुशंसा पत्र भेजते हैं.
केंद्र सरकार की मंजूरी
सिफारिश मिलने के बाद केंद्रीय विधि, न्याय मंत्री प्रधानमंत्री के पास इस पत्र को भेज देंगे. अनुसंशा पत्र मिलने के बाद प्रधानमंत्री सीजेआई की नियुक्ति के मामले में राष्ट्रपति को सलाह देंगे. अगर देखा जाए तो सीजेआई की नियुक्ति को लेकर टेक्निकल तौर पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार केंद्र सरकार के पास ही है लेकिन अभी तक चली आ रही परंपरा को देखें तो केंद्र सरकार की ओर से उसी जस्टिस को चीफ जस्टिस बनाया जाता है जिसके नाम की सिफारिश मौजूदा चीफ जस्टिस करते हैं.
कब तक पद पर रहेंगे जस्टिस खन्ना?
जानकारी के लिए बता दें कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो जाएंगे. जिसके बाद जस्टिस संवी खन्ना 11 नवंबर को सीजेआई का पदभार संभालेंगे. देश के राष्ट्रपति जस्टिस संजीव खन्ना को पद और गोपनियता की शपथ दिलाएंगे. जस्टिस खन्ना लगभग 6 महीने तक इस पद पर रहेंगे. कार्यकाल के मुताबिक जस्टिस संजीव खन्ना 13 मई 2025 को रिटायर हो जाएंगे.