श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir ) में कड़ाके की ठंड के 3 चरण होते है जिसका पहला फेज शुरू हो गया है. इसे जन्नत की सर्दी का सितम यानी हाड़ कंपाने वाली ठंड को मापने का मीटर कह सकते हैं. पारंपरिक रूप से 21 दिसंबर से लेकर मार्च के आखिरी हफ्ते तक के अंतराल को ही असल सर्दी का सीजन माना जाता है. 


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सर्दी का सितम नापने के पैरामीटर चिल्लई कलां, चिल्लई खुर्द और चिल्ललई बाचे
परंपरागत रूप से कश्मीर (Kashmir) में मुख्य रूप से सर्दियों में तीन चरणों में विभाजित किया जाता है.  पहला चरण 21 दिसंबर से शुरू होकर करीब 40 दिनों तक रहता है, भयानक ठंड के इस फेज को चिलाई कलां (Chillai-Kalan) के रूप में जाना जाता है.  


इसके बाद 20 दिनों का एक और चरण होता है उस दौरान आम तौर पर ठंड चिलाई कलां से कम रहती है, इस चरण को चिलाई खुर्द के नाम से जाना जाता है. वहीं अंतिम चरण 10 दिनों का होता है, जिसमें ठंड और भी कम हो जाती है, जिसे स्थानीय लोग चिल्लई बाचे के रूप में जाना जाता है.


कश्मीर की वादी का कोल्ड बुलेटिन
विश्व प्रसिद्ध स्कीइंग रिज़ॉर्ट गुलमर्ग के साथ घाटी के अन्य हिस्सों में रात में तापमान सामान्य से नीचे चल रहा रहा है. गुलमर्ग (Gulmarg) में तापमान शून्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस कम रहा. जो पिछली कुछ रातों से सामान्य से तीन डिग्री कम है. प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में कल रात शून्य से 9.2 डिग्री नीचे गया जो कि सामान्य से 4.6 डिग्री सेल्सियस कम रहा. वहीं काजीगुंड में शून्य से 4.6 डिग्री सेल्सियस, कुपवाड़ा में शून्य से 2.5 डिग्री सेल्सियस नीचे और कोकेरनाग में शून्य से 3.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया.


लद्दाख रहा देश का सबसे ठंडा क्षेत्र
देश का सब से ठंडी इलाका लद्दाख रहा. केंद्र शाषित प्रदेश लद्दाख (Laddakh) का द्रास देश की सब से ठंडी जगह रही जहां तापमान शून्य से बीस डिग्री नीचे दर्ज हुआ. MeT विभाग के अनुसार अभी उतरी भारत में मौसम खुश्क रहने वाला है.


27 दिसंबर को हिमपात का अनुमान
कश्मीर और लद्दाख में अगले 24 घंटों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश या हिमपात की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक 27 दिसंबर को लद्दाख के अलावा कश्मीर और जम्मू में हल्की वर्षा या हिमपात हो सकता है.


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