नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच भी चीन (China) अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और वह भारत के साथ लगने वाली 4000 किलोमीटर लंबी सीमा के आसपास गांव बसा रहा है. इसके साथ ही चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा के नजदीक तिब्बत में ब्रह्मपुत्र घाटी से गुजरने वाले अहम राजमार्ग का निर्माण पूरा कर लिया है.


2020 के अंत तक हाइवे से जुड़ गए थे सुदूर प्रांत


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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य परिषद सूचना कार्यालय द्वारा शुक्रवार को तिब्बत ऑटोनॉमस रीजन (TAR) पर एक नया नीति पत्र जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि साल 2020 के अंत तक सुदूर प्रांत के कई सीमावर्ती गांव राजमार्गों से बेहतर ढंग से जुड़े गए थे और ऐसे क्षेत्रों के सभी गांवों में मोबाइल संचार की पहुंच गई थी. सीमावर्ती गांवों पर नीति पत्र का बयान कई हालिया रिपोर्ट्स से मेल खाता है, जिसमें दावा किया गया था कि चीन विवादित क्षेत्रों पर दावा मजबूत करने के लिए अरुणाचल प्रदेश के करीब गांवों का निर्माण कर रहा है.


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भारत की सबसे बड़ी सीमा है TAR


तिब्बत ऑटोनॉमस रीजन (TAR) भारत के साथ सबसे लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है. इसके अलावा नेपाल और भूटान के साथ छोटी और म्यांमार के साथ सबसे छोटी सीमा है. चीन का भारत और भूटान के साथ भूमि सीमा विवाद हैं, जो दशकों से चली आ रही लंबी बातचीत के बावजूद हल नहीं हो रहा है.


'सीमा विकास के लिए वित्तीय मदद हर साल बढ़ रही'


इस पेपर का शीर्षक 'सन 1951 से तिब्बत: मुक्ति, विकास और समृद्धि' है और इसे शुक्रवार को रिलीज किया गया. इस पेपर में 'सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास और लोगों के जीवन में सुधार' नाम से एक शीर्षक भी है. इसमें कहा गया है, पार्टी (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना) सेंट्रल कमेटी के मार्गदर्शन में सीमा विकास के लिए वित्तीय मदद हर साल बढ़ रही है. खास तौर पर 2012 के बाद से, तिब्बत में सीमावर्ती गांवों, टाउनशिप और काउंटी में बुनियादी ढांचे के निर्माण, पानी, बिजली, सड़कों और आवास को तैयार करने पर अधिक तरजीह दी गई है.


सीमावर्ती क्षेत्रों मे 624 गांव बसाने की है चीन की योजना


साल 2017 में 'सीमावर्ती क्षेत्रों में मध्यम समृद्धि वाले गांवों के निर्माण पर TAR की योजना (2017-2020)' जारी की गई था. इस पेपर को अन्य पहलुओं के साथ-साथ आवास, पानी, बिजली, सड़क, संचार और इंटरनेट तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया गया. पेपर में कहा गया, 'तिब्बत में सीमावर्ती क्षेत्रों में इन सभी प्रयासों के जरिए बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और यहां रहने वाले लोग बेहतर जीवन जी रहे हैं.' टीएआर न्यूज पोर्टल पर साल 2019 की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार की तिब्बत की सीमाओं पर 624 गांवों और खेतों के निर्माण की योजना है.


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