नई दिल्ली: पुलवामा आतंकवादी हमले का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश और इसके नागरिकों की रक्षा करने में सुरक्षा बलों की वीरता और बलिदान की मंगलवार को प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जैसे बल जम्मू कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद पर अंकुश लगाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.


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राष्ट्रपति ने कहा,‘जिस बहादुरी के साथ सीआरपीएफ के जवानों ने (2001 में) संसद पर हमला करने वाले आतंकवादियों का सामना किया था, वह देश के सुरक्षा बलों के अदम्य साहस का प्रतीक बन गया.’


कोविंद ने यहां सीआरपीएफ के वार्षिक ‘शौर्य दिवस’ के मौके पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर एक स्मृति कार्यक्रम के दौरान कहा,‘सीआरपीएफ के जवानों ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पर नियंत्रण करने में सराहनीय भूमिका निभाई है.’ यह दिन 1965 में गुजरात के कच्छ के रण में ‘सरदार पोस्ट’ पर सीआरपीएफ जवानों की वीरता की याद में मनाया जाता है.


राष्ट्रपति ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि 
राष्ट्रपति कोविंद ने गत 14 फरवरी को पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों समेत पुलिस और अर्द्धसैन्य बलों के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अक्टूबर, 2018 को पुलिस स्मरणोत्सव दिवस के मौके पर 30 फुट ऊंचे और 238 टन वजन के काले ग्रेनाइट से बने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का उद्घाटन किया था.



राष्ट्रपति राजधानी के चाणक्यपुरी इलाके में स्थित इस स्मारक पर पहली बार गए. सशस्त्र सेना के सर्वोच्च कमांडर कोविंद को सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ और एसएसबी जैसे सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों ने ‘राष्ट्रीय सलामी’ और गार्ड ऑफ ऑनर दिया.


'पुलिसकर्मी राष्ट्र के प्रति असाधारण प्रतिबद्धता दिखाते हैं' 
राष्ट्रपति ने कहा कि पुलिसकर्मी हमेशा सतर्क रहते हैं और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रहते हैं. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी राष्ट्र के प्रति असाधारण प्रतिबद्धता दिखाते हैं.


केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा, खुफिया ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन, सीआरपीएफ के निदेशक राजीव राय भटनागर, अर्धसैनिक पुलिस बलों और गृह मंत्रालय के अन्य अधिकारी इस कार्यक्रम में मौजूद थे.