CM Biren Singh In Trouble: मणिपुर से एक बड़ी अपडेट आ रही हैं. खबर है कि NDA की सहयोगी पार्टी कुकी पीपुल्स अलायंस ने एन बिरेन सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. राज्यपाल अनुसुइया उइके (Governor Anusuiya Uikey) को लिखे एक लेटर में केपीए (Kuki People's Alliance) प्रमुख तोंगमांग हाओकिप ने मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत मणिपुर सरकार से संबंध खत्म करने का फैसला किया है. आपको बता दें कि बीते तीन महीनों में राज्य में जातीय हिंसा में 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं. इसकी वजह से KPA प्रमुख काफी दुखी हैं.


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KPA प्रमुख ने दिया बयान


तोंगमांग हाओकिप ने कहा है कि मौजूदा स्थिति पर सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श करने के बाद, मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह नीत मणिपुर सरकार के लिए समर्थन जारी रखने का कोई मतलब नहीं रह गया है. इसलिए मणिपुर सरकार से केपीए (KPA) अपना समर्थन वापस लेता है. राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा में केपीए के 2 विधायक सैकुल से के.एच. हांगशिंग और सिंघट से चिनलुंगथांग हैं. विधानसभा में भाजपा के 32 सदस्य हैं, जबकि इसे एनपीएफ (NPF) के 5 और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है. विपक्षी विधायकों में NPP के 7, कांग्रेस से 5 और जनता दल (JDU) से 6 विधायक हैं.


BJP विधायक ने दी अहम जानकारी


आपको बता दें कि मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के मद्देनजर 21 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में विभिन्न दलों के ज्यादातर कुकी विधायकों के शामिल होने की संभावना नहीं है. कुकी समुदाय के नेताओं ने यह जानकारी दी. वहीं जातीय हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक चुराचांदपुर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक एलएम खाउते ने 'पीटीआई भाषा' से कहा कि मणिपुर में कानून तथा व्यवस्था की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर मेरे लिए आगामी सत्र में भाग लेना संभव नहीं होगा.


(इनपुट: एजेंसी)