कांग्रेस भूली नहीं 8 महीने पहले की वो `बगावत`, हिमाचल में हटा दिए सारे नेता; प्रतिभा सिंह की भी विदाई
Himachal Pradesh Congress: इस साल फरवरी में राज्यसभा चुनाव के दौरान हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार उस वक्त संकट में आ गई थी जब पार्टी के छह विधायकों ने बगावत कर भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में वोट डाला था.
Pratibha Singh: कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में अपने कई विधायकों की बगावत की घटना के करीब आठ महीने के बाद बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) की पूरी इकाई को तत्काल भंग कर दिया. इसी के साथ, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से प्रतिभा सिंह की लगभग ढाई वर्षों के बाद विदाई हो गई. हालांकि वह फिलहाल कांग्रेस कार्यसमिति की स्थायी आमंत्रित सदस्य हैं.
2022 में बनीं थी अध्यक्ष
वह अप्रैल, 2022 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष बनी थीं. पार्टी ने पीसीसी की पूरी इकाई के साथ ही जिला अध्यक्षों और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी को भंग करने का फैसला किया है. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी), जिला कांग्रेस अध्यक्षों और सभी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की सभी इकाइयों को तत्काल प्रभाव से भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी.
संगठन का होगा कायाकल्प
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि यह कदम संगठन के पुनर्गठन के लिए उठाया गया है. हालांकि, इसे आठ महीने से पहले के राजनीतिक घटनाक्रम और उसके बाद कुछ उन अन्य घटनाक्रमों से जोड़कर भी देखा जा रहा है जब प्रतिभा सिंह और उनके पुत्र एवं राज्य सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बयानों के चलते कांग्रेस को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था.
इस साल फरवरी में राज्यसभा चुनाव के दौरान हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार उस वक्त संकट में आ गई थी जब पार्टी के छह विधायकों ने बगावत कर भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में वोट डाला था. इस कारण कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा था. बागी विधायकों को प्रतिभा सिंह का करीबी माना जाता था.
नहीं हुई कोई घुसपैठ: राज्यपाल
दूसरी ओर, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि चीन की तरफ से राज्य में कोई घुसपैठ नहीं हुई है. उनकी यह टिप्पणी राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के उस बयान के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें दावा किया गया था कि किन्नौर जिले में भारत-चीन सीमा पर ड्रोन देखे गए हैं. शुक्ल ने कहा, 'चीन को अब समझ आ गया है कि वह भारत की एक इंच जमीन भी नहीं ले सकता.'
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय बहुल किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिले चीन के साथ करीब 240 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं. इस सीमा पर नौ ऊंचे पर्वतीय दर्रे हैं. राजस्व मंत्री नेगी ने दावा किया था कि किन्नौर जिले में भारत-चीन सीमा पर ड्रोन देखे गए हैं और उनका इस्तेमाल निगरानी और जासूसी के लिए किया जा रहा है.
इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में शुक्ल ने कहा, 'मैंने राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया है और जवानों से मुलाकात की है. हिमाचल प्रदेश की सीमा पर चीन की ओर से कोई घुसपैठ नहीं हुई है.' किन्नौर से विधायक नेगी ने 12 अक्टूबर को दावा किया था कि पिछले सप्ताह सीमावर्ती क्षेत्र के पास कई ड्रोन उड़ते देखे गए हैं और कई लोगों ने उन्हें इस बारे में जानकारी दी है. उन्होंने कहा था कि सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए जनप्रतिनिधियों को सीमा पर जाना चाहिए.