Congress Leader Rahul Gandhi: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वह कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करने के लिए उचित कदम उठाएं तथा सुरक्षा की गारंटी के बिना उन्हें कश्मीर घाटी में काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जाए.उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह दावा भी किया कि कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के प्रति जम्मू-कश्मीर प्रशासन का रवैया असंवेदनशील है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राहुल गांधी ने पत्र में और क्या कहा?


राहुल गांधी ने पत्र में कहा, आतंकियों द्वारा हाल में कश्मीरी पंडितों व अन्य लोगों की लगातार चुन-चुनकर की जा रही हत्याओं ने घाटी में डर और निराशा का माहौल बना दिया है.


उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जी, पूरे भारत को प्रेम और एकता के सूत्र में पिरोने के लिए जारी भारत जोड़ो यात्रा के जम्मू पड़ाव में कश्मीरी पंडितों का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी समस्याओं को लेकर मुझसे मिला. उन्होंने जानकारी दी कि सरकार के अधिकारी उन्हें कश्मीर घाटी में वापस काम पर जाने के लिए मजबूर कर रहे हैं.कांग्रेस नेता के अनुसार, इन हालात में सुरक्षा और सलामती की पक्की गारंटी के बिना उन्हें घाटी में काम पर जाने के लिए मजबूर करना एक निर्दयी कदम है. हालात के सुधरने और सामान्य होने तक सरकार इन कश्मीरी पंडित कर्मचारियों से अन्य प्रशासकीय व जनसुविधा के कार्यों में सेवाएं ले सकती है.


राहुल गांधी ने दावा किया, अपनी सुरक्षा और परिवार की चिंताओं को लेकर गुहार लगा रहे कश्मीरी पंडितों को आज जब सरकार से हमदर्दी और अपनेपन की उम्मीद है तब उप-राज्यपाल (मनोज सिन्हा) जी द्वारा उनके लिए "भिखारी" जैसे शब्दों का प्रयोग गैर-जिम्मेदाराना है. प्रधानमंत्री जी, शायद आप स्थानीय प्रशासन की इस असंवेदनशील शैली से परिचित न हों.


उन्होंने कहा, मैंने कश्मीरी पंडित भाइयों-बहनों को भरोसा दिया है कि उनकी चिंताओं व मांगों को आप तक पहुंचाने का पूरा प्रयास करूंगा. मुझे उम्मीद है कि यह सूचना मिलते ही आप इस बारे में उचित कदम उठाएंगे.


भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - अब किसी और की ज़रूरत नहीं