Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद खड़गे का पहला फैसला, सोनिया-राहुल को लेकर उठाया ये कदम
Congress President: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक की अध्यक्षता की जिसमें गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा की गई. उन्होंने एक और बड़ा फैसला किया है.
Congress Meeting: कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे एक्शन में हैं. उन्होंने बुधवार को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक की अध्यक्षता की जिसमें गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा की गई. इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी को समाप्त कर दिया है. उन्होंने इसकी जगह स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया है.
अध्यक्ष बनने के बाद पहली बैठक
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी बैठक में मौजूद रहीं. पार्टी गुजरात के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दे रही है. पार्टी अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के बाद खड़गे की अध्यक्षता में यह पहली बैठक हुई.
बैठक में सीईसी सदस्यों और महासचिव मुकुल वासनिक एवं के. सी. वेणुगोपाल के अलावा अंबिका सोनी और गिरिजा व्यास भी मौजूद रहीं. इसके साथ ही, गुजरात के लिए कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा और पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख जगदीश ठाकोर भी उपस्थित रहे.
पार्टी गुजरात चुनावों के लिए कुछ उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दे सकती है और एक या दो दिन में इसकी घोषणा होने की उम्मीद है. निर्वाचन आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी नहीं की. कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह प्रदेश गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से हटाने के लिए प्रयासरत है, जहां भाजपा दो दशकों से अधिक समय से सत्ता में है.
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की जगह बनाई ये समिति
अध्यक्ष बनने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी को समाप्त कर दिया है. उन्होंने इसकी जगह स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया है, जिसमें 47 नेताओं को जगह दी गई है. कमेटी में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम भी है. खड़गे द्वारा गठित संचालन समिति में प्रियंका गांधी, ए. के. एंटनी, अंबिका सोनी, आनंद शर्मा, के. सी. वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला भी शामिल हैं.
बता दें कि कांग्रेस कार्य समिति का गठन दिसंबर 1920 में कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में हुआ था, जिसकी अध्यक्षता सी. विजयराघवाचार्य ने की थी. इसमें आमतौर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से चुने गए पंद्रह सदस्य होते हैं. इसकी अध्यक्षता कार्यकारी अध्यक्ष करते रहे हैं.
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