Arrest Gautam Adani Rahul Gandhi: उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिका में धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगे हैं. उन पर अपनी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने और और इस मामले को छिपाने का दावा किया गया है.‌ जिसके बाद ही अडानी को लेकर देश में भूचाल आ गया है. इस मामले में कांग्रेस ने अडानी समूह के लेन-देन की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच कराने की अपनी मांग की है.


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अदानी पर रिश्वत देने का आरोप
उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों ने भारत में सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए अपने पक्ष में शर्तें रखने के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर (करीब 21 अरब डॉलर) की रिश्वत देने का आरोप लगाया है. पिछले साल हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से शुरू हुए विवाद के बाद अदानी समूह पर नए आरोप लगाए गए हैं. जिसके बाद बवाल मच गया है. कांग्रेस और विपक्ष इस मामले को तूल पकड़ा दिया है.



जयराम रमेश ने उठाया अडानी पर उठाया सवाल
इस मामले में कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश का बयान आया है. उन्होंने कहा, अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय द्वारा गौतम अडानी और उनसे जुड़े अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाना उस मांग को सही ठहराता है जो कांग्रेस जनवरी 2023 से विभिन्न घोटालों की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) जांच के लिए कर रही है. जयराम रमेश ने 'हम अडानी के हैं' सीरीज का जिक्र किया, जिसमें कथित घोटालों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी के बीच संबंधों के बारे में 100 सवाल उठाए गए हैं. उन्होंने मामले में जवाबदेही की जरूरत को दोहराया और कहा, सवालों के जवाब अब तक नहीं मिले हैं.



देश के लिए शर्म की बात: संजय राउत
वहीं, शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा, अमेरिका सरकार ने अरेस्ट वारंट निकाला है. देश के लिए शर्म की बात है. अडानी के लिए मोदी जी ने देश पर धब्बा लगा दिया है. हम अडानी राष्ट्र नहीं बनने देंगे.


राहुल गांधी बोले- अडानी को गिरफ्तार करना चाहिए
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गौतम अडानी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अडानी ने 2000 करोड़ का घोटाला किया और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए. मगर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अडानी को बचा रहे हैं. राहुल ने कहा कि पीएम मोदी गौतम अडानी का सपोर्ट करते हैं. घोटाले के बावजूद उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है और न लिया जाएगा.



अमेरिकी अभियोजकों ने अदाणी समूह पर क्या आरोप लगाए हैं?
अमेरिकी अभियोजकों ने अदानी (62), उनके भतीजे सागर अदाणी और अन्य पर सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए 2020 से 2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत देने का आरोप लगाया है. एक अनुमान के अनुसार इससे समूह को संभावित रूप से दो अरब डॉलर से अधिक का लाभ हो सकता है. अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया कि यह सब उन अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छुपाया गया, जिनसे अदानी समूह ने इस परियोजना के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे. अमेरिकी कानून अपने निवेशकों या बाजारों से जुड़े विदेशों में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच को आगे बढ़ाने की अनुमति देता है. अदानी समूह से इस संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए संपर्क किया गया, लेकिन फिलहाल उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.


यह सिर्फ आरोप है, जो निराधार हैं, अडानी समूह का आया इस मामले में बयान



इस मामले में अडानी समूह का भी बयान आया है. अडानी समूह के प्रवक्ता ने कहा, 'अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका खंडन किया गया है. जैसा कि अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद कहा है, 'अभियोग में लगाए गए आरोप आरोप हैं और जब तक दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाएगा’ सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे..'’