ललित मोदी विवाद में संसद में जवाब लेकर रहेगी कांग्रेस: आनंद शर्मा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ललित मोदी विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ने की मांग करते हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि मुख्य विपक्षी दल संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान सरकार से जवाब लेकर रहेगा।
न्यूयार्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ललित मोदी विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ने की मांग करते हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि मुख्य विपक्षी दल संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान सरकार से जवाब लेकर रहेगा।
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि हम प्रधानमंत्री को आगाह करना चाहते हैं कि यदि उन्हें, भाजपा और संघ को ऐसा लगता है कि बेनकाब हो चुके उनके दो कैबिनेट सहयोगियों और राजस्थान की मुख्यमंत्री के इस्तीफे की न्यायोचित मांग पर कान बंद करने से और अपनी हठधर्मिता पर अड़े रहने से विपक्ष हथियार डाल देगा तो वह गलत हैं। शर्मा फिलहाल न्यूयार्क में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ द सोशलिस्ट इंटरनेशनल की बैठक में शामिल होने के लिए गए हैं। यह विश्व भर के 152 राजनैतिक दलों का एक संगठन है।
उन्होंने दावा किया कि मुख्य विपक्षी दल होने के नाते कांग्रेस पार्टी उनसे जवाब मांग कर रहेगी और किसी भी प्रतिकूल परिणाम की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री मोदी की होगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कल कहा कि अब समय आ चुका है कि प्रधानमंत्री हालिया सप्ताह में सामने आए मुद्दों पर अपना ‘मौन व्रत’ (चुप्पी) तोड़ें। शर्मा दरअसल विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया पर लगे आरोपों की ओर इशारा कर रहे थे। शर्मा ने आरोप लगाया कि वरिष्ठ मंत्रियों और राजस्थान के मुख्यमंत्री के खिलाफ लगे अनुचित कार्यों और बेईमानी के गंभीर आरोपों पर प्रधानमंत्री की चुप्पी उनकी उदासीन दिखाती है। शर्मा ने कहा कि अब समय आ गया है कि मोदी और भाजपा अपनी कथनी और करनी को एक करें, बातें करना बंद करे और कदम उठाएं। जब उनसे मोदी सरकार के प्रदर्शन के एक साल के बारे में पूछा गया तो शर्मा ने कहा कि यह ‘विश्वासघात और वादाखिलाफी’ की कहानी है।
शर्मा ने आरोप लगाया कि उन्होंने लोगों को जो झूठे सपने और उम्मीदें बेची थी और जिन झूठे सपनों की सुनामी पर सवार होकर वह आए थे, आज एक साल बाद वे सपने बिखर चुके हैं, वादे धराशायी हो चुके हैं और लोगों का भरोसा टूट चुका है, खासतौर से किसानों, युवकों और गरीबों के सपने। यह उन नीतिगत प्राथमिकताओं में झलकता है जिन्होंने भारत के कमजोर तबके को आहत किया है। मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि विश्व भर में घूमना गंभीर अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व के लिए कोई विकल्प नहीं है। शर्मा ने दावा किया कि मुझे बताया गया है कि आगामी महीनों में भी वह ऐसा ही करते रहेंगे। भाजपा और आरएसएस के सैंकड़ों लोग सितंबर में एक बड़ा आयोजन करने के लिए लॉस एंजिलिस में हैं।