लखनऊ: महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी कोरोना वायरस (Coronavirus) के फैलाव को रोकने के लिए पाबंदियां बढ़ा दी गई हैं. अब यूपी में हर हाल में पब्लिक प्लेस पर मुंह ढंककर चलना अनिवार्य होगा. अगर मास्क नहीं है तो रुमाल या गमछे से मुंह ढंकना होगा. ऐसा न करने पर लोगों को भारी जुर्माना देना होगा. 


पहली बार 1 हजार और दूसरी बार 10 हजार का जुर्माना


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सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक ऐसे मामलों में पहली बार बिना चेहरे ढंके पकड़े जाने पर 1 हजार रुपये का फाइन वसूला जाएगा. वहीं दूसरी बार पकड़े जाने पर यह राशि 10 गुना बढ़कर 10 हजार रुपये हो जाएगी. इसके साथ ही सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर 500 रुपये का जुर्माना देना होगा. पाबंदी बढ़ाते हुए यूपी सरकार ने कोरोना महामारी अधिनियम 2020 में आठवां संशोधन किया है.


सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने निर्देश दिए कि प्रदेश में कोरोना (Coronavirus) संक्रमण रोकने के लिए हर स्तर पर उपाय किए जाएं. इनमें पब्लिक प्लेस पर थूकने वालों के साथ ही बिना मास्क, गमछा या रुमाल लगाए निकलने वालों पर कड़ाई करना भी शामिल है. ऐसे लोगों पर सख्ती करते हुए उनसे भारी जुर्माना वसूला जाएगा. 


'ऑक्सीजन प्लांट की सुरक्षा बढ़ाने के आदेश'


मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पंचायत चुनावों में लगे पुलिस बल और अन्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जाएं. अस्पतालों और ऑक्सीजन उत्पादन से जुड़े प्लांटों में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. कंटेनमेंट जोन और क्वारंटीन सेंटर के प्रावधानों को प्रदेश में सख्ती से लागू किया जाए. सभी ऑक्सीजन प्लांट पर पुलिस सुरक्षा हो. ऑक्सीजन वाले वाहनों की GPS मॉनिटरिंग की जाए.


सीएम योगी ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री को निर्देश दिया कि वे ऑक्सीजन की डिमांड और सप्लाई के संतुलन को सुनिश्चित करें. भविष्य की संभावित स्थिति का आकलन करते हुए केंद्र सरकार को समय से ऑक्सीजन सप्लाई के लिए रिक्वेस्ट भेजी जाए. इसके साथ ही ऑक्सीजन और जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. 


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'अस्पतालों में 36 घंटे का ऑक्सीजन बैक अप रहे'


प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की शिकायतों पर सीएम ने अफसरों को निर्देश दिया कि वे अस्पतालों की L-1, L-2 और L-3 की अलग-अलग कैटिगरी बनाकर उनकी मॉनिटरिंग करें. सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करें. यह तय किया जाए कि हर अस्पताल में कम से कम 36 घंटों का ऑक्सीजन बैकअप जरूर रहे. 


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