वैक्सीन, दवाई नहीं ग्रामीणों को `कोरोना माई` से उम्मीद, पूजा-पाठ के लिए लगी कतार
गांव की महिलाओं ने कहा कि सभी को विश्वास है कि दुआ काम करेगी और उनके गांवों से कोरोना दूर हो जाएगा. पूजा करने के लिए घंटों कतार में लगीं महिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रही हैं.
वाराणसी/कुशीनगर: वाराणसी और कुशीनगर के गांवों में महिलाएं अब कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ अपने डर को कम करने और लोगों को मरने से बचाने के लिए 'कोरोना माई' की पूजा करने लगी हैं. कुशीनगर जिले में रविवार को महिलाएं 'कोरोना माई' की पूजा करने के लिए कतार में लगी दिखीं.
21 दिनों तक कोरोना माई की पूजा
वाराणसी में घाटों पर सामूहिक रूप से महिलाएं पूजा-अर्चना करने और कोरोना माई को खुश करने के लिए जुट रही हैं. कुशीनगर की सुरीली देवी ने कहा कि वे 21 दिनों तक कोरोना माई को खुश करने के लिए प्रार्थना करेंगी और उन्हें विश्वास था कि इससे महामारी कम हो जाएगी. यह पूछे जाने पर कि घातक वायरस की जांच के लिए उन्हें यह आध्यात्मिक तरीका किसने सुझाया, उन्होंने कहा, 'कई जानकारों ने कहा है कि हमें कोरोना वायरस (Coronavirus) को रोकने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.'
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'कोरोना माई सब ठीक करेंगी'
गांव की महिलाओं ने यह भी कहा कि सभी को विश्वास है कि दुआ काम करेगी और उनके गांवों से कोरोना दूर हो जाएगा. पूजा करने के लिए घंटों कतार में लगीं महिलाएं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रही हैं. एक अन्य महिला ईश्वरी ने कहा, 'जब हम कोरोना माई की प्रार्थना कर रहे हैं, तो किसी और चीज की जरूरत नहीं है. 'कोरोना माई' हमें आशीर्वाद देंगी और लोगों को ठीक करेंगी.
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