Country's First Liver Transplant Dr. Sanjay Kandasamy: देश में सबसे पहले जिस बच्चे की लीवर ट्रांसप्लांट कर जिंदगी बचाई गई थी, वह 25 साल बाद अब खुद एक डॉक्टर बन गया गया है. ये शख्स और कोई नहीं बल्कि तमिलनाडु के रहने वाले संजय कंडासामी हैं, जिन्हें जन्म लेते ही लीवर की गंभीर समस्या ने घेर लिया था. उनकी जिंदगी बचाने के लिए लीवर का ट्रांसप्लांट का ही एकमात्र ऑप्शन था. वर्ष 1998 में दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में कंडासामी का सफल लीवर ट्रांसप्लांट किया गया. इसके साथ ही वे देश में सफल लीवर ट्रांसप्लांट करने वाले पहले बच्चे बच्चे बन गए थे. 


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एट्रेसिया नाम की बीमारी के साथ जन्म


रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर संजय कंडासामी (Dr. Sanjay Kandasamy) तमिलनाडु के कांचीपुरम में रहते हैं और वहीं के एक अस्पताल में सफल डॉक्टर के रूप में अपनी प्रैक्टिस आगे बढ़ा रहे हैं. उनका जन्म लीवर में पित्त से जुड़ी एट्रेसिया नाम की बीमारी के साथ हुआ था. यह एक ऐसी बीमारी है, जो लीवर से लेकर गॉलब्लेडर तक खून की नलियों में रुकावट की वजह बन जाती है. यह एक जन्मजात बीमारी है, जो हजारों बच्चों में से किसी एक में ही होती है. इस बीमारी के शिकार बच्चों में लीवर के अंदर या बाहर पित्त नलिकाएं सामान्य रूप से विकसित नहीं होती हैं. 


पिता ने डोनेट किया अपना लीवर


जब संजय कंडासामी का जन्म हुआ तो एट्रेसिया बीमारी की वजह से उनका लीवर खराब हो गया और उनकी जान  बचाने के लिए लीवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र ऑप्शन  बचा था. जब इस बारे में डॉक्टरों ने परिवार को बताया तो कंडासामी (Dr. Sanjay Kandasamy) के पिता बिना किसी हिचकिचाहट के अपने लीवर का हिस्सा डोनेट करने के लिए सहमत हो गए. इसके बाद एक्सपर्ट डॉक्टरों की एक टीम ने इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल नई दिल्ली में सफल लीवर ट्रांसप्लांट (Liver Transplant) किया. 


25 साल पहले हुआ हार्ट ट्रांसप्लांट


इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अनुपम सिब्बल कहते हैं, 'लीवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद लंबे समय तक जीवित रहने का वह (श्री कंडासामी) एक सफल उदाहरण हैं.' उन्होंने कहा, "भारत के पहले लीवर प्रत्यारोपण (Liver Transplant) प्राप्तकर्ता संजय कंडासामी अब एक सफल डॉक्टर बन चुके हैं, जो बिना किसी उम्मीद वाले लोगों के लिए आशा की किरण हैं.'


करीब 25 साल पहले संजय कंडासामी का सफल लीवर ट्रांसप्लांट (Liver Transplant) करने वाले डॉ. ए एस सोइन उस पल को अपने करियर के सबसे गौरवपूर्ण क्षणों में से एक बताते हैं. डॉ. ए एस सोइन वर्तमान में मेदांता अस्पताल में लीवर प्रत्यारोपण संस्थान के अध्यक्ष हैं.


'लोगों का जीवन बचाना चाहता हूं'


डॉक्टर संजय कंडासामी (Dr. Sanjay Kandasamy) भी खुद के डॉक्टर बन जाने से खुश हैं. एक बयान जारी कर उन्होंने कहा, 'डॉक्टरों के काम को इतने करीब से देखने से मुझे डॉक्टर बनने का दृढ़ संकल्प मिला. मैं लोगों का जीवन बचाने में अपना योगदान देना चाहता हूं और एक उदाहरण स्थापित करना चाहता हूं कि कोई भी व्यक्ति जीवन में किसी भी चुनौती को पार कर सकता है.'