नई दिल्ली: कोरोना (Corona) के अब तक के सबसे घातक स्वरूप डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) पर कोवैक्सीन (Covaxin) कारगर है. ICMR Study में सामने आया है कि 
डेल्टा के तीनों म्यूटेशन पर कोवैक्सीन 77% तक कारगर रही है. यानी इस स्टडी की मानें तो अगर आपको कोवैक्सीन लगी है तो आपको डेल्टा वेरिएंट से सुरक्षा मिल सकती है. 


डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कोवैक्सीन कितनी कारगर?


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वैक्सीन लगे लोगों में स्टडी करके ये देखा गया कि डेल्टा का संक्रमण (Delta Variant) होने पर उन्हें कितनी सुरक्षा मिली. डेल्टा वेरिएंट पर कोवैक्सीन (Covaxin) कितना काम कर रही है, ये जानने के लिए 25 हजार 798 लोगों पर एक स्टडी की गई. कोरोना से ग्रस्त लोगों में ये वैक्सीन 63.6% कारगर पाई गई और जो लोग संक्रमित नहीं हुए थे उनमें ये 65.2 प्रतिशत तक कारगर पाई गई.


कुल मामलों में से 90 प्रतिशत डेल्टा वेरिएंट के


ऐसा माना जा रहा है कि भारत में इस वक्त हो रहे कोरोना के कुल मामलों में से 90 प्रतिशत डेल्टा वेरिएंट की वजह से ही हो रहे हैं. इसी तरह ब्रिटेन और अमेरिका में भी डेल्टा वेरिएंट ही सबसे तेजी से फैल रहा है. ये बाकी तीन वेरिएंट ऑफ कंसर्न (Alpha, Beta, Gama) के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैल रहा है और मरीज के लिए खतरनाक भी होता है. 


दोनों डोज लगने के बाद पुख्ता सुरक्षा कवच


डेल्टा के चार म्यूटेशन हो चुके हैं. डेल्टा AY.1, AY.2 और AY.3. ऐसा माना जाता है कि डेल्टा सबसे पहले भारत में अप्रैल 2021 में पाया गया था. बाद में ये बाकी देशों में फैल गया. अब डेल्टा यूरोप, एशिया और अमेरिका में तबाही मचा रहा है. हालांकि इस स्टडी में ये पाया गया कि वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद तो डेल्टा वेरिएंट से काफी हद तक सुरक्षा मिलती ही है.


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कोवैक्सीन का ट्रायल बच्चों पर भी चालू


ऐसे लोग जिन्हें दूसरी बार कोरोना हो रहा है या वैक्सीन लगने के बाद कोरोना हो रहा है, जिसे ब्रेक थ्रू इंफेक्शन कहा जाता है उन मामलों में भी कोवैक्सीन से सुरक्षा मिल रही है. कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने मिलकर तैयार किया है. अब इस वैक्सीन का ट्रायल बच्चों पर भी चल रहा है. जल्द ही सितंबर तक ये वैक्सीन बच्चों पर ट्रायल पूरे कर सकती है. 


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