नई दिल्ली: यदि आप गंभीर रूप से डायरिया (Dehydration) से पीड़ित हैं, तो संभव है कि आप कोरोना वायरस (Corona Virus) की चपेट में आ गए हों. डॉक्टरों ने कोरोना वायरस के लक्षणों की सूची में कुछ और लक्षणों को जोड़ा है, जिन्हें अब तक खराब पेट या फूड पॉइजनिंग कहकर नजरंदाज कर दिया जाता था. 


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हैदराबाद के चेस्ट और किंग कोटी (Chest and King Koti) अस्पतालों के डॉक्टरों ने स्थानीय मीडिया नेटवर्क के माध्यम से एक मेडिकल रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि डायरिया, सिरदर्द और उल्टी अब भारत में कोरोनावायरस के भी लक्षण हैं. इन लक्षणों को आमतौर पर अनदेखा किया जाता है और मौसमी बीमारी या फूड पॉइज़निंग माना जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोनवायरस अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए मौसम के अनुसार अपनी जीनोमिक संरचना को बदल रहा है. 


संक्रमण की पहचान में देरी घातक
सामान्य तौर पर खांसी, बुखार और सांस फूलने जैसे सामान्य ज्ञात लक्षणों के सामने आने के बाद ही किसी व्यक्ति को कोरोना संक्रमित मानकर उसका इलाज किया जाता है. हालांकि, अब ऐसे मरीज भी मिल रहे हैं, जिन्हें शुरुआत में डायरिया, सिरदर्द और उल्टी की शिकायत थी और बाद में वे कोरोना संक्रमित पाए गए. डॉक्टरों का कहना है कि इलाज में देरी के चलते ज़्यादातर मरीजों की मौत होती है. हैदराबाद में 20 जून से 30 जून तक 67 में से 30 मरीजों की मौत इलाज में देरी के चलते हुई. क्योंकि अलग लक्षणों के कारण उन्हें संक्रमण की पहचान में देरी हुई और इस वजह से वे देर से इलाज के लिए पहुंचे. लिहाजा, अब डॉक्टरों का कहना है कि यदि कोई डायरिया, सिरदर्द और उल्टी से पीड़ित है, तो उसे भी कोरोना टेस्ट करवाना चाहिए.


गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट पर हमला 
रिपोर्ट के मुताबिक, डायरिया आदि को आमतौर पर पॉइज़निंग या मौसम में बदलाव के कारण हुई बीमारी के तौर अपर पेश किया जाता है, लेकिन असल में कोरोना वायरस अब फेफड़ों के बजाय गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट (Gastro-intestinal tract) पर हमला कर रहा है. इससे डायरिया और उलटी होती है, और डिहाइड्रेशन हो जाता है. जिसके परिणामस्वरूप कमजोरी, ऑक्सीजन के स्तर में कमी, कम रक्तचाप और शुगर और अचानक बेहोशी जैसी समस्याएं होती हैं. इसलिए डॉक्टरों की सलाह है कि गंभीर रूप से डायरिया या सिरदर्द की शिकायत वाले लोगों को भी कोरोना के जांच करवानी चाहिए, ताकि समय रहते संक्रमण की पहचान की जा सके.