Nalanda University: यह समृद्ध हो और फले-फूले... नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन पर भावुक हुए दलाई लामा ने PM मोदी को लिखा पत्र
Dalai Lama congratulate PM Modi: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने अपने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि नालंदा में प्राचीन विश्वविद्यालय `पूर्व में सूरज` की तरह चमकता था और दूर-दूर से छात्रों को आकर्षित करता था.
PM Modi inaugurates Nalanda University: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर बिहार में नए नालंदा विश्वविद्यालय परिसर के उद्घाटन पर बधाई दी है. पीएम मोदी ने बुधवार को बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया था.
पीएम मोदी को लिखे पत्र में तिब्बती धर्मगुरु ने लिखा है, "शिक्षा के केंद्र के रूप में प्राचीन नालंदा विश्विद्यालय पूर्व में सूर्य की तरह चमकता था. कठोर अध्ययन, चर्चा और वाद-विवाद पर आधारित शिक्षा, नालंदा में फली-फूली, जिसने एशिया भर से दूर-दूर से छात्रों को आकर्षित किया. नालंदा विश्विद्यालय में छात्रों ने दर्शन, विज्ञान, गणित और चिकित्सा के अलावा अहिंसा और करुणा की सदियों पुरानी भारतीय परंपराओं के बारे में भी सीखा जो आज की दुनिया में न केवल प्रासंगिक हैं बल्कि आवश्यक भी हैं.
यह समृद्ध हो और खूब फले-फूलेः दलाई लामा
दलाई लामा ने आगे लिखा है कि मैं भारत भर के युवाओं के बीच प्राचीन भारतीय ज्ञान और बुद्धिमत्ता में बढ़ती रुचि से उत्साहित हूं. इसमें अधिक दयालु दुनिया के निर्माण में योगदान देने की बहुत बड़ी क्षमता है. मैं प्राचीन भारतीय ज्ञान में अधिक रुचि और जागरुकता पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं. इसलिए यह एक अद्भुत है कि इसी ऐतिहासिक स्थान पर एक नया नालंदा विश्विद्यालय बनाया गया है. यह समृद्ध हो और खूब फले-फूले.
प्रधानमंत्री मोदी ने 19 जून यानी बुधवार को नालंदा यूनिवर्सिटी के नए परिसर का उद्घाटन किया था. इस मौके पर बिहार के राज्यपाल राजेंद्र वी आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे.
नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 5वीं शताब्दी में गुप्त वंश के कुमारगुप्त प्रथम ने की थी. बाद में इसे कन्नौज के राजा हर्षवर्धन और पाल शासकों के साथ-साथ कई विद्वानों और शासकों को भी संरक्षण मिला. ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसर, 12वीं शताब्दी में आक्रमणकारियों ने इस विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया था.
प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय यूनेस्कों की विश्व धरोहर स्थल में शामिल है. यहां के खंडहरों में अभी भी मठवासी और शैक्षिक संस्थान के पुरातात्विक अवशेष हैं. इसमें स्तूप, मंदिर, विहार (आवासीय और शैक्षिक भवन), पत्थर और धातु से बनी महत्वपूर्ण कलाकृतियां शामिल हैं. इस विश्वविद्यालय को तक्षशिला के बाद दुनिया का दूसरा सबसे प्राचीन विश्विद्यालय माना जाता है.