Darul Uloom Deoband refuses to issue on Love Jihad: मुजफ्फरनगर हिंदूवादी नेताओं को लव जिहाद पर फतवा देने से दारूल-उल-उलूम ने इनकार कर दिया है. सहारनपुर पुलिस की मध्यस्थता से की गई कोशिश भी हिंदूवादी नेताओं के लिए नाकाफी साबित हुई. दारूल-उल-उलूम ने लव जिहाद पर बात करने तक से इनकार कर दिया, जिसके बाद हिंदूवादी नेता वापस लौट गए. हिंदूवादी नेताओं ने आरोप लगाया है कि दारूल-उल-उलूम पूरे देश में लव जिहाद को समर्थन दे रहा है. इतना ही नहीं उन्होंने लव जिहाद के नाम पर मुस्लिम युवकों को फंडिंग तक करने के भी संगीन आरोप लगाए.


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दिल्ली में साक्षी हत्याकांड के बाद से माहौल गर्म 
 
 दिल्ली में हुए साक्षी हत्याकांड के बाद से देशभर में लव जिहाद (Love Jihad) को लेकर एक बार फिर से माहौल गर्म है. साक्षी के कातिल साहिल के हाथ में बंधे कलावे के बाद तमाम हिंदूवादी नेता और संगठन लव जिहाद के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं. इसी कड़ी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में क्रांति सेना और शिव सेना के पदाधिकारियों ने इस मुद्दे पर देवबंद स्थित इस्लामिक मदरसे दारूल- उल-उलूम (Darul Uloom Deoband) से फतवा लाने की कोशिश की. 


लव जिहाद को गैर- इस्लामी करार देने की मांग


इन दोनों संगठनों की मांग है कि दारूल उलूम (Darul Uloom Deoband) मुस्लिम युवकों के हाथ में कलावा बांधने, अपनी पहचान छुपाने और हिंदू नाम रखकर लड़कियों का मजहब बदलवाने को गैर-इस्लामी घोषित करे. पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक दोनों संगठनों के लोग इसी मुद्दे पर फतवा पाने के लिए 10 जून को देवबंद जाने वाले थे, लेकिन स्थानीय पुलिस ने सभी को हाउस अरेस्ट कर दिया था, जिसके चलते वे देवबंद नहीं जा पाए. 


दारूल उलूम ने बात करने से कर दिया इनकार


क्रांति सेना के प्रदेश महासचिव मनोज सैनी के मुताबिक इसके बाद पुलिस की मध्यस्थता से दोनों संगठनों का एक प्रतिनिधि मंडल सोमवार को सहारनपुर गया और एसएसपी से मिलकर अपनी मांग रखी. एसएसपी ने इस मामले में उचित कार्रवाई के लिए सीओ देवबंद को निर्देशित किया, जिसके बाद प्रतिनिधि मंडल ने देवबंद पहुंचकर सीओ से मुलाकात की. सीओ ने इस प्रकरण में दारूल-उल-उलूम (Darul Uloom Deoband) की प्रबंध समिति से टेलीफोनिक वार्ता की, लेकिन उन्होंने सीओ को हिंदूवादी नेताओं से मिलने या फतवा देने से साफ इनकार कर दिया. 


देश में लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप


सूत्रों के मुताबिक सीओ से कहा गया कि दारूल-उल-उलूम (Darul Uloom Deoband)इस संबंध में कोई बात नहीं करना चाहता. जिसके बाद दोनों संगठनों के लोग वापस मुजफ्फरनगर लौट आए. संगठनों के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि दारूल उलूम के लोग सिस्टमेटिक तरीके से पूरे देश में लव जिहाद (Love Jihad) को बढ़ावा दे रहे हैं. यही वजह है कि वे इसे गैर-इस्लामी घोषित नहीं करना चाहते.