नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की दूसरी लहर में देश के कुछ शहरों में ऐसे मामले भी सामने आए जहां पूरा का पूरा परिवार ही कोरोना की भेंट चढ़ गया. ऐसा ही एक दर्दनाक मामला बिहार के भागलपुर (Bhagalpur) में सामने आया है. इस शहर के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय (JLNMCH) अस्पताल में भर्ती एक कोरोना संक्रमित शशिधर की मौत हो गई है. परिजन का आरोप है कि सही मात्रा में ऑक्सीजन न मिलने से उनकी मौत हुई, जिसके लिए डॉक्टरों की लापरवाही जिम्मेदार है. 


अदालत पहुंचा मामला


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नवभारत टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक मृतक का शव अस्पताल में ही रखा हुआ है. परिजनों के मुताबिक फिलहाल घर में एक भी पुरुष सदस्य नहीं बचा है. जिस वजह से उनका अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है. ये भी बताया गया कि मृतक शशिधर के तीन बेटों की मौत पहले ही कोरोना संक्रमण की वजह से हो चुकी है.


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वहीं मृतक के दो पोते जेल में बंद हैं. इसलिए परिवार वालों ने जेल में बंद दोनों वारिसों को जमानत दिलाने की गुहार लगाई है ताकि उनका अंतिम संस्कार हो सके. शशिधर के दोनो पौत्र तोड़फोड़ के आरोप में जेल में बंद है.  


कोरोना की भेंट चढ़ा परिवार


बांका जिले के अमरपुर थाना अंतर्गत बल्ली कित्ता निवासी शशिधर कापरी की 10 मई को मौत हो गई. उनके मौत के पहले ही तीनों बेटे की मौत भी कोरोना की वजह से हो चुकी है. सबसे पहले छोटे बेटे प्रवेश की मौत हुई. इसके बाद बड़ा बेटा निकुंज 30 अप्रैल को नहीं रहा.


परिवार पर मुश्किलों का पहाड़ लगातार टूटा और 1 मई को अस्पताल में इलाज के दौरान उनके तीसरे बेटे प्रमोद की भी मौत हो गई. ऐसे में अब परिजन शशिधर को उनके पौत्र से ही मुखाग्नि दिलाना चाह रहे हैं.


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