11 साल की Deepshikha की प्रतिभा को NASA से मिला सम्मान, US एजेंसी ने कवर पेज पर दी जगह
NASA Commercial Crew Program 2019 Children`s Artwork: 11 साल की छात्रा दीपशिखा की पेटिंग को नासा से मिली तारीफ के बाद परिजन उत्साहित हैं. बच्ची के परिजनों ने Zee News के साथ बेटी की कामयाबी के अनुभव साझा किए.
नई दिल्ली: भारत में टैलेंट की कोई कमी नहीं है. छोटी-छोटी उम्र के बच्चे अपनी प्रतिभा के दम पर दुनिया में देश का नाम रोशन कर रहे हैं. ऐसी ही एक सेलिब्रेटी चाइल्ड आर्टिस्ट की बात करें तो नोएडा में रहने वाली 11 साल की दीपशिखा की चर्चा दुनिया भर में हो रही है. बच्ची के हुनर को करीब से जानने वालों को उसकी असाधारण क्षमता और कामयाबी पर कोई हैरान नहीं है. वहीं इतनी कम उम्र में कई मुकाम हासिल कर चुकी इस बच्ची की हालिया कामयाबी की बात करें तो अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने उसके हुनर का मान रखते हुए उसकी पेंटिंग को कैलेंडर के फ्रंट पेज पर जगह दी है.
प्रतिभा पर नासा की मुहर
दीपशिखा को पेंटिंग से बचपन से लगाव रहा है. उनकी लेटेस्ट पेंटिंग को नासा ने अपने कैलेंडर के फ्रंट पेज पर जगह देकर उसकी प्रतिभा का सम्मान किया है. दरअसल नासा की तरफ से इस बार 'कमर्शियल क्रू प्रोग्राम 2019 चिल्ड्रन आर्ट वर्क' (NASA Commercial Crew Program 2019 Children's Artwork) कैलेंडर लॉन्च किया गया. इस कवर पेज पर दीपशिखा की बनाई पेंटिंग को जगह दी गई है. दिल्ली से सटे गौतम बुद्ध नगर यानी नोएडा के 'दिल्ली पब्लिक स्कूल' में पढ़ने वाली दीपशिखा की पेंटिंग नासा के कलेंडर के कवर पेज पर छपने के बाद अब दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है.
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ट्वीट कर साझा की खुशी
दिसंबर के महीने में नासा के नासा' के कलैण्डर के फ्रंट पेज पर जगह बनाने वाली दीपशिखा को नासा की तरफ से सर्टिफिकेट और अवार्ड्स भेज दिए गए गए हैं. दीपशिखा ने ट्वीट कर लोगो के साथ अपनी खुशी बांटी है. दीपशिखा को नासा की तरफ से सर्टिफिकेट और अवार्ड्स भेज दिए गए गए हैं.
‘मिस यू माई डियर’
जानकारी के मुताबिक, इस बार कैलेंडर की पेंटिंग की थीम ‘मिस यू माई डियर’ था. प्रतियोगिता में अन्य देशों के साथ भारत से भी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने अपनी पेंटिंग्स भेजी थी. नासा- 2019 कैलेंडर के चयनकर्ताओं को दीपशिखा की पेंटिंग बेहद पसंद आई और उन्होंने दीपशिखा की उस पेंटिंग को कवर पेज पर जगह दी.
दुनिया भर से आई थी एंट्री
नासा के वार्षिक कैलेंडर पर दीपशिखा के अलावा इस बार कई अन्य भारतीय छात्र-छात्राएं भी छाए हुए हैं. इस कैलेंडर में साल के 12 महीनों के लिए बच्चों के द्वारा तैयार आर्ट वर्क (Art Work) का इस्तेमाल किया गया है.
165 से ज्यादा अवॉर्ड की विजेता
दीपशिखा के पिता देवो ज्योति ने बेटी की इस कामयाबी पर खुशी जताते हुए ज़ी न्यूज़ (Zee News) के साथ बेटी की कामयाबियों का जिक्र करते हुए परिवार के अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया कि बेटी अभी तक 165 से ज्यादा पुरस्कार जीत चुकी है. जिनमें से 27 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार हैं तो 20 से ज्यादा अवार्ड उसने भारत सरकार के मंत्रालयों की मुहिम के साथ जुड़कर हासिल किए हैं. बहुमुखी प्रतिभा की धनी बेटी ने ऊर्जा मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के साथ भी काम किया है.
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नंबर 1 आर्टिस्ट बनने का सपना
दीपशिखा पेंटर के क्षेत्र में करियर बनना चाहती हैं. वो बंगाल एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स के आर्ट टीचर मोहम्मद आसिफ से पेंटिंग बनाना सीख रहीं हैं. प्रैक्टिस करते हुए दीपशिखा को तीन साल हो चुके हैं. नासा के लिए उन्होंने पोस्टर कलर से पेंटिंग बनाई थी. उनको बच्चियों पर पेंटिंग बनाने का काफी शौक है. वह अक्सर बच्चियों से संबंधित विषयों पर पेंटिंग बनाती हैं. इसके अलावा दीपशिखा पढ़ाई में भी काफी अच्छी हैं. आम तौर पर वो अपना होमवर्क पूरा करने के बाद ही पेंटिंग करती हैं. वह बड़ी होकर एक अच्छी पेंटर बनना चाहती हैं.
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