12 सुखोई-30 MKI की खरीद की मंजूरी, वायु सेना की बढ़ेगी ताकत..भारत में होगा निर्माण
Defence Ministry: खास बात यह है कि इन सभी विमानों को मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) लिमिटेड द्वारा बनाया जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि इनका निर्माण भारत में ही किया जाएगा. इस रक्षा सौदे में एयरक्राफ्ट और ग्राउंड सिस्टम शामिल होंगे.
Proposals For Indian Air Force: भारतीय वायु सेना की ताकत दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. इसी कड़ी में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए एक बड़ी खरीद को मंजूरी दी है. बताया गया कि रक्षा मंत्रालय ने 12 सुखोई 30 MKI फाइटर जेट की खरीद को मंजूरी दे दी है. खास बात यह है कि इन सभी विमानों को मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) लिमिटेड द्वारा बनाया जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि इनका निर्माण भारत में ही किया जाएगा. रक्षा मंत्रालय ने कुल मिलाकर 45,000 करोड़ रुपए के सैन्य साजोसामान की खरीद को मंजूरी दी है. इसमें हवा से सतह पर मार करने वाले कम दूरी के प्रक्षेपास्त्र ध्रुवास्त्र एवं 12 एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान शामिल हैं.
कुल नौ खरीद प्रस्तावों को मंजूरी
अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने कुल नौ खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी है. ये सभी खरीद भारतीय विक्रेताओं से की जाएगी, जिनसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय रक्षा उद्योग को पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा, गतिशीलता, हमले की क्षमता और मशीनीकृत बलों की उत्तरजीविता बढ़ाने के लिए, डीएसी ने हल्के बख्तरबंद बहुउद्देशीय वाहन (एलएएमवी) और एकीकृत निगरानी और लक्ष्यीकरण प्रणाली (आईएसएटी-एस) की खरीद को मंजूरी दे दी है.
60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री
दरअसल, इस रक्षा सौदे में एयरक्राफ्ट और ग्राउंड सिस्टम शामिल होंगे. रक्षा अधिकारी ने बताया कि विमान में आवश्यकता के अनुसार 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री शामिल होगी. ये भारतीय वायु सेना के सबसे आधुनिक Su-30 MKI विमान होंगे जो कई भारतीय हथियारों और सेंसर से लैस होंगे. इन विमानों को भारत में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) बनाता है. ये विमान पूरी तरह से आधुनिक और नए जमाने की जरुरतों के मुताबिक होंगे.
11,000 करोड़ रुपए की परियोजना
रक्षा अधिकारियों ने बताया है कि इस परियोजना में विमान और संबंधित ग्राउंड सिस्टम शामिल होंगे. विमान में आवश्यकता के अनुसार सामग्री शामिल होगी. जानकारी के मुताबिक ये उन 12 विमानों की जगह लेंगे, जो पिछले कई सालों में हादसों की वजह से खत्म हो गए है. यह एक मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है. जो हवा से जमीन और हवा से हवा में एकसाथ युद्ध लड़ सकता है.
सुखोई-30 एमकेआई की खूबियां
यह भारतीय वायुसेना में सबसे ताकतवर विमान माना जाता है. इनकी खास बात है कि यह तेज और धीमी गति में हवा में कलाबाजियां खाते हुए दुश्मन को धोखा देते हुए उनपर हमला कर सकता है. इस विमान में दो इंजन हैं और दो चालको के बैठने की जगह है. इनमें से कुछ विमान को सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को लॉन्च करने के लिए भी अपग्रेड किया गया है. सुखोई विमान 3,000 किलोमीटर तक हमला कर सकता है.
हालांकि इसकी क्रूज रेंज 3,200 किलोमीटर तक है और कॉम्बेट रेडियस 1,500 किलोमीटर है. वजन में भारी होने के बावजूद यह लड़ाकू विमान अपनी तेज़ गति के लिए जाना जाता है. यह 2,100 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार से उड़ता है.