नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनावों (Haryana Assembly Elections 2019) में कांग्रेस पार्टी अपने सभी मौजूदा विधायकों को टिकट देगी. इसके लिए 28 और 29 सितंबर को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक आयोजित की जाएगी. गुरुवार को दिल्ली में पार्टी नेताओं ने यह निर्णय लिया. जबकि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने अपनी ही पार्टी के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि जो पुराने नेता चुनाव लड़ते आ रहे हैं उनको टिकट नहीं मिलने चाहिए. नए चेहरों को मौका दिया जाए.


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कांग्रेस की टिकटों को लेकर और मेनिफेस्टो को लेकर लगातार बैठकें हो रही हैं, लेकिन अशोक तंवर ने दूरी बनाई हुई है. इसी मामले को लेकर आज ज़ी मीडिया ने तंवर से जब बातचीत की तो उन्होंने कहा, ''मैं बैठकों में जाकर क्या करूंगा. वहां पर कुछ लोगों को मेरे आने से तकलीफ होती है.''


तंवर ने आगे कहा कि चुनावी घोषणा पत्र को लेकर बैठक की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि मैनिफेस्टो तो 18 अगस्त को ही रोहतक में जारी कर दिया गया था.



यह पूछे जाने पर कि हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा का आपने कॉल रिसीव नहीं किया? पर पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ''शैलजा कैसे कह सकती हैं कि मैंने उनके फ़ोन नहीं उठाए, मैं सबके फ़ोन उठता हुं.''


कांग्रेस नेता तंवर ने आगे कहा, ''मैंने पिछले 5 साल काम किया और एक पद बदलने से कुछ नहीं होता है.''


बता दें कि हाल ही में अशोक तंवर को हटाकर कुमारी शैलजा को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है. इस पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, 'फैसला थोड़ा डिले (देरी से) है, पहले होता तो और अच्छा होता.'  दरअसल, हु्ड्डा और तंवर को एक-दूसरे का प्रतिद्वंदी माना जाता है..


हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2019) 21 अक्टूबर को होंगे और वोटों की गिनती 24 अक्टूबर को होगी. राज्य में आचार संहिता लागू होते ही चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है और राजनीतिक दलों ने सत्ता के लिए जोर आजमाइश शुरू कर दी है.