नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है. पार्टी नेता और दिल्ली एसजीपीसी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को कहा कि भाजपा ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर हमें अपना स्टैंड बदलने को कहा था. लेकिन, हमने अपना रुख बदलने के बजाय इन चुनावों को नहीं लड़ने का फैसला किया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पार्टी विधायक सिरसा ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी का पुराना रिश्ता है, लेकिन हमारे नेता सुखबीर बादल का मानना है कि सीएए में सभी धर्मों से लोगों को शामिल किया जाना था. जबकि बीजेपी नेतृत्व चाहता था कि हम इस स्टैंड पर पुनर्विचार करें. इसलिए हमने अपना रुख बदलने के बजाय इन चुनावों को नहीं लड़ने का फैसला किया.


CAA-NRC पर अपना स्टैंड नहीं बदलेंगे
राजौरी गार्डन से विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के अपने सिद्धांत हैं. हमारा स्टैंड क्लियर है कि देश को धर्म और जात-पात के आधार पर बांटा नहीं जाना चाहिए, इसलिए एनआरसी नहीं लाया जाना चाहिए. शिअद नेता ने कहा कि हमारी तीनों बैठकों में फैसला हुआ है कि हम CAA पर अपना स्टैंड नहीं बदलेंगे. हमारी तरफ से क्लियर स्टैंड है कि हम चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.


भाजपा के ही सिंबल पर विधायक
ध्यान रहे कि राजौरी गार्डन से शिअद के मनिंदर सिंह सिरसा फिलहाल भाजपा के ही सिंबल पर विधायक हैं.


57 उम्मीदवारों की सूची जारी
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 57 उम्मीदवारों की सूची शुक्रवार को जारी कर दी है. पार्टी ने 13 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है. इन सीटों पर भाजपा की सहयोगी पार्टियों के साथ बातचीत जारी है. साथ ही सोमवार को बीजेपी ने दिल्ली चुनाव के अपने सहयोगी दलों का भी ऐलान किया, मगर इसमें शिरोमणि अकाली दल का नाम शामिल नहीं किया गया.


जेजेपी से बातचीत
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा की जननायक जनता पार्टी (जजपा) के साथ बातचीत जारी है. जजपा के संयोजक और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के साथ भाजपा हाईकमान की एक दौर की बातचीत हो चुकी है, और दूसरे दौर की बातचीत शुक्रवार शाम या शनिवार को हो सकती है.


भाजपा की पेशकश
सूत्रों ने बताया कि जजपा ने 10 सीटों पर अपनी दावेदारी जताई है. लेकिन भाजपा की तरफ से जजपा को दो सीटें देने के साथ चार उम्मीदवारों को भाजपा के ही सिंबल पर चुनाव लड़ाने का ऑफर दिया गया है. भाजपा की इस पेशकश पर जजपा को फैसला करना है.