नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (एनएसयूटी) से इसके कुलपति पद पर हुई नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब मांगा है. याचिका में नियुक्ति को ‘‘गैरकानूनी, मनमानी और विश्ववविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों के विपरीत करार दिया गया है. 


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न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने इस मामले में एनएसयूटी, कुलपति जे पी सैनी, यूजीसी और दिल्ली सरकार के प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.


याचिका में एनएसयूटी के प्रोफेसर सचिन माहेश्वरी ने आरोप लगाया है कि सैनी की बतौर कुलपति पद पर नियुक्ति ‘‘गैरकानूनी’’, ‘‘मनमानी’’, ‘‘बदनीयतपूर्ण’’ और आयोग के दिशा-निर्देशों के विपरीत है.


इसमें कहा गया है कि मामले में न तो कोई खोज समिति बनी और न ही विज्ञापन देकर योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मंगाए गए. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि 26 सितम्बर, 2018 को नियुक्त सैनी कदाचार और अनियमितताओं से संबंधित कई आरोपों का सामना कर रहे हैं.