नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्विटर (Twitter) के एक ‘टेंपरेरी वर्कर’ को मुख्य अनुपालन अधिकारी (CCO) नियुक्त करने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा, मोइक्रोब्लॉगिंग साइट ने नये आईटी नियमों (New IT Rules) का पालन नहीं किया. अदालत ने ट्विटर को एक हफ्ते में हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है.


नियम को लेकर गंभीर नहीं ट्विटर


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जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि नियमों के अनुसार Twitter को सीसीओ के तौर पर प्रबंधन के एक अहम व्यक्ति या एक वरिष्ठ कर्मचारी को नियुक्त करना चाहिये जबकि ट्विटर ने अपने हलफनामे में कहा कि उसने थर्ड पार्टी के ठेकेदार के जरिए एक ‘टेंपरेरी कर्मचारी’ नियुक्त किया है. अदालत ने कहा, ‘सीसीओ ने अपने हलफनामे में स्पष्ट कहा है कि वह एक कर्मचारी नहीं है. यह अपने आप में नियम के खिलाफ है. नियम को लेकर कुछ गंभीरता होनी चाहिए.’


ट्विटर का हलफनामा खारिज


हाई कोर्ट ने कहा कि उसे ट्विटर द्वारा ‘टेंपरेरी कर्मचारी’ शब्द के इस्तेमाल को लेकर कुछ आपत्ति है खासतौर से तब जब यह पता नहीं है कि तीसरी पार्टी का ठेकेदार कौन है. अदालत ने ट्विटर से कहा, ‘अस्थायी कर्मचारी क्या होता है? हमें नहीं पता इसका क्या मतलब होगा. हमें इस शब्द से दिक्कत है. अस्थायी फिर तीसरी पार्टी का ठेकेदार. क्या है यह? मैं हलफनामे से खुश नहीं हूं.’ अदालत ने कहा कि ट्विटर का हलफनामा अस्वीकार्य है और उसने उसे नियमों का पूरी तरह पालन करने के लिए कहा.


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एक हफ्ते का दिया समय


जस्टिस रेखा पल्ली ने ट्विटर से कहा, ‘एक बेहतर हलफनामा दायर करिए. यह स्वीकार्य नहीं है. मैं आपको काफी अवसर दे रही हूं लेकिन यह उम्मीद मत करिए कि अदालत ऐसा करती रहेगी. तीसरी पार्टी के ठेकेदार का नाम बताइए और अस्थायी को स्पष्ट कीजिए.’ ट्विटर को नया हलफनामा दायर करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया है. अदालत ने ट्विटर को न केवल सीसीओ की नियुक्ति से जुड़ी सभी जानकारियां देने को कहा बल्कि स्थानीय शिकायत अधिकारी (RGO) की जानकारी देने के भी निर्देश दिए. साथ ही यह भी स्पष्ट करने को कहा कि एक नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन अभी तक क्यों नियुक्त नहीं किया गया और कब तक इस पद पर नियुक्ति होगी. इस मामले पर अगली सुनवाई छह अगस्त को होगी.


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