Supreme Court: पार्षदों को मनोनीत करने का अधिकार मिलने पर LG कर सकते हैं MCD को अस्थिर, CJI की `सुप्रीम` टिप्पणी
Delhi Government Vs LG: सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या MCD में इन विशेष लोगों (एल्डरमैन) की नियुक्ति केंद्र सरकार के लिए इतनी बड़ी चिंता की बात है. मनोनयन का अधिकार मिलने से एलजी एक लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई MCD को अस्थिर कर सकते हैं, क्योंकि एल्डरमैन के पास वोटिंग का अधिकार भी है.
Arvind Kejriwal Vs LG: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर एलजी को एमसीडी में मनोनयन का अधिकार मिलता है तो वो एक निर्वाचित एमसीडी को अस्थिर कर सकते है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये टिप्पणी एलजी की ओर से एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान की. दिल्ली सरकार का कहना है कि पिछले तीस सालों में ये पहली बार हुआ है, जब एलजी ने दिल्ली सरकार को बिना विश्वास में लिए हुए अपनी मर्जी से एल्डरमैन नियुक्त किए हैं. कोर्ट ने दिल्ली सरकार की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार और एलजी को अपने पक्ष में लिखित दलीलें जमा करने की इजाजत भी दी है.
CJI की अहम टिप्पणी
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या MCD में इन विशेष लोगों (एल्डरमैन) की नियुक्ति केंद्र सरकार के लिए इतनी बड़ी चिंता की बात है. मनोनयन का अधिकार मिलने से एलजी एक लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई MCD को अस्थिर कर सकते हैं, क्योंकि एल्डरमैन के पास वोटिंग का अधिकार भी है.
दिल्ली सरकार की दलील
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस टिप्पणी पर सहमति जताई. सिंघवी ने कहा कि जिन वार्ड कमेटी में बीजेपी कमजोर स्थिति में है,उन्हीं में ही एलजी ने एल्डरमैन नियुक्त किए हैं. सिंघवी ने दिल्ली बनाम केंद्र सरकार विवाद से जुड़े दो पुराने फैसलों का भी हवाला दिया.
उन्होंने कहा कि पिछले तीस सालों में ये परंपरा चली आ रही है कि एलजी ने दिल्ली सरकार की सलाह -शिकायत के बिना एल्डरमैन नियुक्त नहीं किए. इस पर ASG संजय जैन ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि ये परंपरा सालों से चली आ रही है, इसका मतलब ये नहीं कि ये ठीक ही हो.
एलजी ऑफिस का पक्ष
एलजी ऑफिस की ओर से ASG संजय जैन ने कहा कि अनुच्छेद 239AA के तहत केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली को ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली’ बनाया गया और दिल्ली के लिए विधानसभा की व्यवस्था की गई. अनुच्छेद 239AA के तहत एलजी की भूमिका और डेल्ही म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट (DMC एक्ट)के तहत प्रशासक के रूप में एलजी की भूमिका अलग है.
आर्टिकल 239AA के तहत प्रशासनिक कामों के लिए एलजी को दिल्ली सरकार की सलाह -सहायता के मुताबिक काम करना होता है लेकिन DMC एक्ट के तहत प्रशासक के रूप में एलजी की भूमिका एकदम अलग है और वहां वो दिल्ली सरकार की सलाह-सहायता मानने के लिए बाध्य नहीं हैं.