2000 Rupee Note: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत एक बड़ा फैसला किया. इसके तहत अब 2000 रुपये की करेंसी को सर्कुलेशन से वापस कर दिया गया है. 2016 में आई नोटबंदी के दौरान 500 रुपये और 1000 रुपये की करेंसी को बाजार से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था और उनकी जगह नए रंगरूप में 500  और 2000 के नोटों ने उनकी जगह ले ली थी. हालांकि आरबीआई ने 2018 के बाद 2000 के नए नोट जारी नहीं किए और आखिरकार अब उन्हें वापस लेने का फैसला कर लिया. 


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दरअसल लोगों को अच्छे नोट मुहैया कराने और जाली नोट की खपत पर रोक लगाने के लिए 1988 में 'क्लीन नोट पॉलिसी' लाई गई थी. नोटबंदी के दौरान लोगों को इस वजह से काफी परेशानी का भी सामना करना पड़ा. एटीएम के बाहर लंबी-लंबी लाइन लग गई थी. बैंकों में धक्कामुक्की और मारामारी का भी सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार 2000 के नोट बदलने के लिए तीन महीने से ज्यादा समय दिया गया है.


जिन लोगों के पास 2000 रुपये के नोट हैं, वे उन्हें 30 सितंबर अपने बैंक खातों में जमा कर सकते हैं. बैंकों में करेंसी बदलने के लिए विंडो 23 मई से शुरू होगी. आप एक बार में 2000 रुपये मूल्यवर्ग के 10 नोट बदल सकेंगे. ऐसे में 23 मई से बैंकों में भीड़ बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. 


 


आरबीआई ने वार्षिक रिपोर्ट में बताया था कि वित्त वर्ष 2019-20, 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में 2000 रुपये के एक भी नोट नहीं छापे गए हैं. इस वजह से बाजार में 2000 रुपये के नोटों का सर्कुलेशन कम हुआ है. डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित बनाने के लिए आरबीआई नई क्लीन नोट पॉलिसी 1 अक्टूबर 2018 से लागू की गई थी.  इस नीति की मदद से भारतीय रिजर्व बैंक समय-समय पर करेंसी नहीं छपने का फैसला लेती रही है.