राजेश खत्री/सोनीपत: देश के कुश्ती पहलवानों में मायूसी छा गई है, क्योंकि 2026 में आयोजित होने वाले CWG से कुश्ती की बाहर कर दिया गया है. इसको लेकर हरियाणा और पंजाब के पहलवानों की मांग है कि इस फैसले पर एक बार फिर विचार होना चाहिए. उनका कहना है कि CWG में भारत को कुश्ती के मुकाबलों में अधिक मेडल मिलते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये भी पढ़ें: CWG 2026 में कुश्ती नहीं, हरियाणा का सबसे ज्यादा नुकसान, अंक तालिका में पिछड़ सकता है भारत


बता दें कि 2026 में CWG ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में आयोजित होंगे. इसमें कुश्ती को बाहर कर दिया गया है. वहीं शुटिंग को शामिल कर लिया गया है. बता दें कि बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग और तीरअंदाजी को शामिल नहीं किया गया था. वहीं 2026 के लिए शूटिंग को शामिल कर लिया गया है. 


वर्ष 2026 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होने वाले कॉमनवेल्थ खेलों से कुश्ती मुकाबले को बाहर कर दिए जाने से अब हरियाणा के कुश्ती खिलाड़ियों में मायूसी देखी जा रही है. अब तक के इतिहास में हरियाणा के खिलाड़ियों ने कुश्ती मुकाबले में अधिक से अधिक मेडल जीतकर पदक तालिका को बढ़ाने का कार्य किया है. कुश्ती खिलाड़ी और कोच अब मांग उठा रहे हैं कि कॉमनवेल्थ खेलों से कुश्ती को नहीं हटाना चाहिए. एक बार फिर से इस निर्णय पर विचार विमर्श अवश्य होना चाहिए.


वहीं इसको लेकर जी मीडिया संवाददाता ने ग्राउंड जीरो पर जाकर कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहलवानों के साथ-साथ कुश्ती प्रशिक्षण दिलवाने वाले कोच से भी बात की. उन्होंने इस निर्णय पर एक बार फिर से विचार करते हुए कुश्ती को कॉमनवेल्थ खेलों कुश्ती को शामिल करने की गुजारिश की. 


वहीं खिलाड़ियों ने भी कहा कि भारत को कुश्ती में ही सबसे ज्यादा मेडल मिलते हैं. उन्होंने CWG कमैटी से मांग की है कि इस फैसले पर दोबारा से विचार होना चाहिए और कॉमनवेल्थ खेलों में फिर से कुश्ती को शामिल किया जाना चाहिए. वहीं उन्होंने भारत सरकार से इस मेटर में दखल देने की मांग की है.