Bharat Ratna: चौधरी चरण सिंह के बाद ताऊ देवीलाल को भी भारत रत्न देने की उठी मांग
Bharat Ratna: किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी को सिर्फ राम मंदिर के नाम पर भारत रत्न दे दिया. ताऊ देवीलाल भी देश के उप प्रधानमंत्री रहे हैं और उन्होंने देश और किसानों के लिए बहुत काम किया. ऐसे में उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए.
Bharat Ratna: कर्पूरी ठाकुर और लालकृष्ण आडवाणी के बाद केंद्र सरकार ने भारत रत्न के लिए तीन और नामों का ऐलान किया है. पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न दिया जाएगा. PM मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इस बात की जानकारी दी है. किसान नेता रमेश दलाल ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने पर केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया तो वहीं ताऊ देवीलाल को भी भारत रत्न देने की मांग की.
बुढ़ापा पेंशन को सराहा
किसान नेता रमेश दलाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर अलग-अलग मुद्दों पर अपनी राय रखी, इस दौरान उन्होंने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने पर केंद्र सरकार के प्रति आभार जताया तो वहीं ताऊ देवीलाल को भी भारत रत्न देने की मांग की. रमेश दलाल ने कहा कि ताऊ देवीलाल की वजह से ही आज पूरे भारत में बुढ़ापा पेंशन है, उन्हें भी भारत रत्न मिलना चाहिए. सरकार ने लालकृष्ण आडवाणी को सिर्फ राम मंदिर के नाम पर भारत रत्न दे दिया. ताऊ देवीलाल भी देश के उप प्रधानमंत्री रहे हैं और उन्होंने देश और किसानों के लिए बहुत काम किया. ऐसे में उन्हें भारत रत्न क्यों नहीं दिया जा सकता.
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सगोत्र विवाह पर रोक की मांग
रमेश दलाल ने सरकार से सगोत्र विवाह पर रोक लगाने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इसे अवैध किया जाना चाहिए. सगोत्र विवाह के मामले सामने आने से खूनी संघर्ष होते हैं. चाचा, ताऊ, मामा, मौसी के परिवारों में शादियां नहीं होनी चाहिए. यह मुस्लिम समुदाय में होता है, जो अब हिंदुओं में भी होने लगा है.
आरक्षण की मांग
रमेश दलाल जाटों अन्य 6 जातियों को ओबीसी का आरक्षण दिए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि जब राजस्थान और दिल्ली में आरक्षण मिल सकता है तो हरियाणा में क्यों नहीं. यह समानता के अधिकार का हनन है. जाट, बिश्ननोई, रोड़, त्यागी आदि जातियों को आरक्षण मिले. किसान नेता ने हरियाणा में जमीन अधिग्रहण कानून का भी विरोध किया और कहा कि इसमें संसोधन होना चाहिए.
किसान आंदोलन को लेकर कही ये बात
किसान आंदोलन को लेकर रमेश दलाल ने कहा कि पहले संगठित किसान मोर्चे में 500 किसान संगठन थे, आज सिर्फ 200 हैं. सभी को मिलकर आंदोलन करना चाहिए. अगर किसान संगठन हमारी मांगों को भी आंदोलन में शामिल करेंगे तो हम भी उनके साथ जुड़ेंगे. किसान नेताओं ने जमीन अधिग्रहण का मुद्दा कभी नहीं उठाया है, यह उठाया जाना चाहिए.इस दौरान उन्होंने SYL नहर बनाने और हरियाणा को उसके हक का पानी मिलने की भी बात की.
Input- Vijay Rana