Delhi News: बेंगलुरु से दिल्ली आ रही विस्तारा की फ्लाइट में 2 साल की एक मासूम बच्ची थी, जिसे दिल की एक जन्मजात बीमारी थी. इसे काइनेटिक हार्ट डिजीज कहा जाता है. इस बीमारी में शरीर और खून में ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम रहती है, जिससे बच्चों के नीला पड़ने का डर रहता है. फ्लाइट में भी ऐसा कुछ हुआ कि बच्ची का शरीर अचानक से नीला पड़ गया और सांस नहीं ले पा रही थी. किस्मत से इसी फ्लाइट में एम्स के पांच डॉक्टर मौजूद थे, जिनमें से दो पुरुष और तीन महिला है. सभी रेजिडेंट डॉक्टर थे. पांचों की ट्रेनिंग चल रही है, 


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इन 5 डॉक्टरों ने बचाई बच्ची की जान 
डॉ. नवदीप कौर- एसआर एनेस्थीसिया, डॉ. दमनदीप सिंह- एसआर कार्डियक रेडियोलॉजी, डॉ. ऋषभ जैन- पूर्व एसआर एम्स रेडियोलॉजी, डॉ. ओशिका- एसआर ओबीजी, डॉ. अविचला टैक्सक- एसआर कार्डियक रेडियोलॉजी फ्लाइट में मौजूद थे. 


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बच्ची की सांस भी नहीं चल रही थी और न ही पल्स
जब डॉक्टरों ने बच्ची को देखा तो न तो उसकी सांस आ रही थी और न ही उसकी पल्स चल रही थी. इन डॉक्टरों ने पहले बच्ची को सीपीआर दिया. इसके बाद सीमित साधनों में बच्ची को इन आईवी कनोला भी लगा दिया गया, जिससे उसको दवा दी जा सके. हालांकि इसी बीच उसे बच्ची को हार्ट अटैक आ गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे बचाने के लिए हिम्मत नहीं हारी और AED डिवाइस लगाया. 


45 मिनट की मेहनत के बाद बच्ची की सांस लौटी
यह दरअसल एक आर्टिफिशियल डिफाइब्रिलेटर है, जिससे दिल की धड़कनों को वापस लाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इस डिवाइस से 45 मिनट की मेहनत के बाद बच्ची की सांस वापस लौट आई. फ्लाइट को नागपुर के लिए डायवर्ट किया गया और बच्ची को एंबुलेंस के जरिये अस्पताल पहुंचा दिया गया.