नई दिल्लीः केजरीवाल सरकार दिल्ली के हर घर में नल से साफ पानी सप्लाई को लेकर युद्ध स्तर पर काम चल चल रहा है. इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर नए जल स्रोतों का अवलोकन, ग्राउंड वाटर रिचार्ज के लिए हर एसटीपी का व्यवस्थित इस्तेमाल, उत्तर एवं उत्तर पूर्वी दिल्ली के लिए पानी का नया इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट जल्द तैयार करने और हर घर तक पानी का कनेक्शन देने संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. इस दौरान सीएम केजरीवाल ने कहा कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का जरूरत के अनुसार क्षमता बढ़ाई जाए, ताकि अतिरिक्त पानी को ट्रीट किया जा सके.


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उन्होंने कहा कि दिल्ली में कहीं पर भी अगर पानी बर्बाद कर रहे हैं तो यह सबसे बड़ा अपराध है. पानी का कनेक्शन देने में आने वाले खर्च का सही आंकलन किया जाए. इस पर आने वाला खर्च सरकार देने के लिए तैयार है. सीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि संबंधित विभाग आपसी तालमेल बेहतर बनाएं ताकि जलापूर्ति बढ़ाने के काम में कोई देरी ना हो. समीक्षा बैठक में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, मुख्य सचिव, दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज समेत संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. बता दें कि मुख्यमंत्री ने 7 फरवरी को भी उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर सभी प्रोजेक्ट में तेजी लाने के निर्देश दिए थे.


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के हर घर में नल से साफ पानी मुहैया कराने को लेकर आज उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. समीक्षा बैठक में केजरीवाल का मुख्य फोकस दिल्ली में जलापूर्ति बढ़ाने पर था, ताकि दिल्ली के हर घर में नल से पीने का पर्याप्त पानी मुहैया कराया जा सके. इसके तहत मुख्यमंत्री ने दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर नलकूपों की स्थापना, अमोनिया रिमूवल ट्रीटमेंट प्लांट, आरओ प्लांट, 24 घंटे जलापूर्ति के नए प्रोजेक्ट, जेजे कॉलोनी क्षेत्रों में आरओ प्लांट लगाने, डब्ल्यूटीपी के अपशिष्ट पानी के इस्तेमाल और हर घर को पानी का कनेक्शन देने को लेकर चल रहे प्रोजेक्ट की समीक्षा की.


इस दौरान दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने प्रजेंटेशन के जरिए मुख्यमंत्री के विजन को समय रहते पूरा करने का खाका पेश किया. साथ ही, उन्होंने बताया कि दिल्ली में जलापूर्ति बढ़ाने को लेकर कई उपायों पर काम चल रहा है और इसमें काफी प्रगति हुई है. इस दौरान केजरीवाल ने अधिकारियों को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने का निर्देश देते हुए कहा कि हम ट्यूबवेल से पानी तो निकाल लेते हैं, लेकिन उसको ट्रीट नहीं कर पाते हैं, क्योंकि कई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता कम है. इससे भविष्य में उसका लाभ मिलेगा. केजरीवाल ने अधिकारियों से सभी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का प्लान मांगा है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का री-साइकल्ड पानी को हम कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं.


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उन्होंने कहा कि अगर कहीं पर भी पानी बर्बाद कर रहे हैं तो यह अपराध है. हम ट्यूबवेल इसलिए नहीं चला रहे हैं, क्योंकि उसके पानी को ट्रीट करने की क्षमता नहीं है और उस पानी को नाले में बहा रहे हैं, तो यह बहुत बड़ा अपराध है. इस दौरान दिल्ली जल बोर्ड ने दिल्ली में हर घर को पानी का नया कनेक्शन देने के लिए दिल्ली सरकार से करीब 688 करोड़ रुपये मांग का प्रस्ताव रखा. इस पर सीएम ने कहा कि जो भी खर्च आएगा, वो दिल्ली सरकार दे देगी, लेकिन इससे पहले कनेक्शन देने का वास्तविक खर्च का आंकलन कर लिया जाए. अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि 688 करोड़ रुपये से दिल्ली में हर घर को पानी का कनेक्शन दे दिया जाएगा.


उन्होंने आगे कहा कि उत्तर और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में लोगों को जल्द ही हर घर को पर्याप्त पानी मिल सकता है. यहां पर जितना पानी की जरूरत है, उसकी व्यवस्था हो गई है. अनधिकृत कॉलोनियों में 1000 आरओ प्लांट लगाने को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल अधिकारियों को दो-तीन डिजाइन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. उनमें से जो डिजाइन अच्छी होगी, उसकी अनुमति दे दी जाएगी. सीएम ने कहा कि जमीन की उपलब्धता और डिजाइन की वजह से यह प्रोजेक्ट अटका हुआ है. हम स्थानीय विधायक और पार्षदों को अन्य विभागों द्वारा जमीन उपलब्ध कराने में सहयोग लेंगे.


वहीं, अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में 94 ट्यूबवेल से पानी निकाला जा रहा है, जिससे करीब 19 एमजीडी पानी की वृद्धि हुई है. जबकि कई और ट्यूबवेल लग चुके हैं, जो आने वाले कुछ दिनों में काम करना चालू कर देंगे. सीएम अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को प्रतिदिन ट्यूबवेल से निकलने वाले पानी का आंकलने करने का निर्देश दिया है, ताकि यह पता चल सके कि प्रतिदिन इन ट्यूबवेल से कितना पानी निकल रहा है. अधिकारियों को अगली बैठक में इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी. पल्ला, भलस्वा और अन्य लोकेशन पर 259 ट्यूबवेल्स लगाए जाने हैं, जिससे जलापूर्ति में 42.5 एमजीडी की वृद्धि होगी.


पल्ला एरिया में कुल 109 ट्यूबवेल्स लगने हैं. यह सभी ट्यूबवेल्स वन विभाग, ग्राम सभा, सिंचाई, डीडीए की जमीन पर लगाए जाने हैं. इनके लिए जमीन चिंहित करने का काम चल रहा है. केजरीवाल ने अधिकारियों को संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर जल्द से जल्द जमीन चिंहित करने का निर्देश दिया है, ताकि उस पर तेजी से काम शुरू किया जा सके. अधिकारियों ने बताया कि लोकेशन की तलाश के लिए संयुक्त निरीक्षण किया जा चुका है और जमीन प्राप्त करने की अनुमति के लिए जिला प्रशासन, संबंधित विभाग और डीडीए को आवेदन किया गया है. वहीं, भलस्वा व अन्य लोकेशन पर 150 ट्यूबवेल्स लगाए जाने हैं. इसके लिए डूसिब और डीडीए से जमीन ली जानी है. अधिकारियों ने बताया कि जमीन चिंहित करने के लिए डीडीए और डूसिब के साथ संयुक्त निरीक्षण किया गया है.


अरविंद केजरीवाल ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को ग्राम सभा, जलबोर्ड और डूसिब के अधिकारियों साथ बैठक कर जमीन प्राप्त करने में आ रही दिक्कतों का समाधान करने का निर्देश दिया है. साथ ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को डीडीए से बात कर यथा शीघ्र जमीन उपलब्ध कराने के लिए कहा है. इस दौरान मुख्य सचिव ने बताया कि इस संबंध में एक बैठक हुई है और अगले सप्ताह एक बैठक बुलाई गई है. अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि अगले एक सप्ताह में वन विभाग, ग्राम सभा, सिंचाई, डीडीए और डूसिब से समन्वय स्थापित कर ट्यूबवेल के लिए जमीन चिंहित कर ली जाएगी.


केजरीवाल ने ट्वीट कर दी जानकारी


मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली के हर घर तक नल से साफ पानी सप्लाई करना है. इसे लेकर माननीय मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी ने लगातार दूसरे हफ़्ते अलग-अलग विभागों के साथ एक और समीक्षा बैठक की. बैठक में दिल्ली के लिए नए जल स्रोतों का अवलोकन करने, ग्राउंड वाटर रिचार्ज के लिए हर एसटीपी का व्यवस्थित इस्तेमाल, उत्तर एवं उत्तर पूर्वी दिल्ली के लिए पानी का नया इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट जल्द तैयार करने और हर घर तक सरकार द्वारा पानी का कनेक्शन देने संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई.


अनधिकृत कॉलोनियों में ट्यूबवेल के साथ 1000 आरओ प्लांट लगाए जाएंगे


दिल्ली जल बोर्ड ने अनधिकृत कॉलोनियों और पानी की कमी वाले इलाकों में ट्यूबवेल के साथ 1000 आरओ प्लांट्स स्थापित करने का फैसला किया गया है. जहां पर पाइपलाइन के जरिए पानी आपूर्ति नहीं हो पाती है या फिर वर्तमान में पानी के टैंकरों के माध्यम से आपूर्ति की जाती है. ऐसी जगहों पर आरओ प्लांट्स स्थापित किए जाएंगे. आरडब्ल्यूए या निर्वाचित प्रतिनिधियों की मदद से डीयूएसआईबी, डीडीए व अन्य सरकारी एजेंसियों की जमीन पर आरओ प्लांट लगाए जाएंगे. पायलट के आधार पर 50 केएलडी क्षमता के 30 आरओ प्लांट्स स्थापित करने के लिए काम जारी है. झाड़ोदा सरकारी स्कूल व शकूर बस्ती में दो आरओ प्लांट लगा जा चुके हैं. वहीं, 28 आरओ प्लांट को स्थापित करने के लिए जमीन की उपलब्धता के लिए जन प्रतिनिधियों से सहयोग लिया जा रहा है.  इसके अलावा आरओ प्लांट के डिजाइन को अंतिम रूप दिया जा रहा है.


अनधिकृत कॉलोनियों में पानी का कनेक्शन लेने पर शुल्क नहीं लिया जाएगा


अनधिकृत कॉलोनियों में नए वॉटर कनेक्शन लगाने की स्कीम के तहत अनधिकृत कॉलोनियों में उपभोक्ताओं से कोई नया कनेक्शन शुल्क नहीं वसूला जाएगा. दिल्ली सरकार द्वारा कनेक्शन चार्ज पर शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाएगी.


(इनपुटः बलराम पांडेय)