Atiq Ashraf Murder Haryana Connection: माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिसमें लवलेश तिवारी, मोहित और अरुण मौर्य नाम के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं अब इस पूरे मामले का हरियाणा कनेक्शन भी सामने आया है. अतीक और अशरफ की हत्या के एक आरोपी के खिलाफ हरियाणा के पानीपत में भी मामला दर्ज है. 


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अतीक और अशरफ हत्याकांड के आरोपी
अतीक और अशरफ की हत्या के मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की है, जिसमें बांदा निवासी लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर निवासी मोहित उर्फ सनी (23) और कासगंज निवासी अरुण मौर्य (18) का नाम शामिल है. इन तीनों आरोपियों के खिलाफ पहले से भी अपराधिक मामले दर्ज हैं. 


अतीक-अशरफ मर्डर का हरियाणा कनेक्शन
अतीक और अशरफ को गोली मारने वाले शूटर अरुण मौर्य का हरियाणा के पानीपत से कनेक्शन सामने आया है. अरुण का जन्म पानीपत के विकास नगर में हुआ था. अरुण पर साल 2022 में अवैध कट्टे और 2023 में झगड़े का मामला भी दर्ज हुआ था. कुछ महीने पहले पानीपत में झगड़े के बाद वह यूपी में अपने गांव चला गया था. 


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आरोपियों के खिलाफ इन धाराओं के तहत FIR
अतीक और अशरफ की हत्या के तीनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने IPC की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या के प्रयास) और आर्म्स एक्ट की धारा 3, आर्म्स एक्ट धारा 7, आर्म्स एक्ट धारा 25, आर्म्स एक्ट धारा 27 और आपराधिक कानून संसोधन की धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.


क्या है पूरा मामला
25 जनवरी 2005 को विधायक राजू पाल की हत्या का आरोप अतीक और उसके भाई अशरफ पर लगा था, वहीं घटना के 18 साल बाद 24 फरवरी 2023 को राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल का हत्या कर दी गई. उमेश की हत्या अतीक के बेटे असद ने ही की थी. जांच में सामने आया कि अतीक ने ही जेल से उमेश की हत्या की साजिश रची थी. 13 अप्रैल को STF ने मुठभेड़ में अतीक के बेटे असद और गुलाम को मार गिराया. वहीं 15 अप्रैल को पूछताछ के बाद अतीक और अशरफ को मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था. पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे अतीक और अशरफ पर तीन हमलावरों ने पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए गोली मार दी. इस घटना में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. 


SC में याचिका
अब इस पूरे मामले में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें शीर्ष न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के गठन की मांग की गई है. अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में यूपी में साल 2017 के बाद से हुई मुठभेड़ में 183 कथित अपराधियों को मार गिराया गया, जिस पर भी जांच की मांग की गई है.