Brij Bhushan Molestation Case: कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नाबालिग के साथ यौन शोषण के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट का आदेश 6 अक्टूबर के लिए टल गया है. कोर्ट को इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से दायर कैंसिलेशन रिपोर्ट पर अपना आदेश देना है, यानि कोर्ट को तय करना है कि इस रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या नहीं. 


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बता दें कि दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ सबूत न मिलने और पीड़िता के कोर्ट में दिए गए बयान का हवाला देते हुए कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल की है. नाबालिग लड़की ने भी बाद में  कोर्ट में दिए गए बयान में दिल्ली पुलिस की जांच पर संतुष्टि जाहिर करते हुए कैंसिलेशन रिपोर्ट पर कोई एतराज नहीं जाहिर किया है.


कोर्ट के पास रिपोर्ट को स्वीकारने/ खारिज करने का विकल्प
भगवंत सिंह बनाम पुलिस आयुक्त (1985) के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए थे कि कैसे किसी केस में फाइनल रिपोर्ट दायर होने के बाद निचली अदालत के कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ाएंगे. पुलिस की ओर से कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर होने के बाद कोर्ट के पास रिपोर्ट को स्वीकारने/ खारिज करने के ये विकल्प रहेंगे-


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- कोर्ट रिपोर्ट को अस्वीकार कर सकता है और ये मानते हुए कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सबूत है, कोर्ट आरोप पर संज्ञान ले सकता है.
- कोर्ट पुलिस को फिर से जांच करने का निर्देश दे सकता है.
- कोर्ट रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए आरोपी के खिलाफ कार्रवाई को बंद कर सकता है.


बृजभूषण शरण के खिलाफ दो FIR
महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के मद्देनजर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो एफआइआर दर्ज की गई थी. एक एफआईआर बालिग पहलवानों की ओर से वहीं दूसरी एफआईआर नाबालिग महिला पहलवानों की ओर से दायर शिकायत पर दायर की गई थी. इनमें से एक मामला पटियाला हाउस कोर्ट में मौजूद पॉक्सो कोर्ट में तो दूसरा मामला राऊज एवेन्यु कोर्ट में लंबित है. पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट तो दूसरी ओर राऊज एवेन्यु कोर्ट में चार्जशीट दायर की है. राऊज एवेन्यु कोर्ट में बालिग पहलवानों की ओर से दायर मुकदमे में अभी आरोप तय करने को लेकर बहस जारी है.