Haryana: विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बृजेंद्र सिंह ने दिखाई कांग्रेस को राह, बोले- ऐसा होना चाहिए संगठन
Haryana Assembly Elections 2024: भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने BJP और कांग्रेस के कल्चर में फर्क बताते हुए BJP पर निशाना साधा. इसके साथ ही आगामी चुनाव को लेकर कांग्रेस को भी नसीहत दी.
Haryana News: हरियाणा में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, सियासी पारा भी चढ़ने लगा है. सभी राजनीतिक पार्टियां जनसंपर्क अभियान चलाकर लोगों को रिझाने में जुट गई हैं. इसी क्रम में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह उचाना हल्के में पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों ने उनका फूल-माला के साथ स्वागत किया. पत्रकारों से चर्चा के दौरान बृजेंद्र सिंह ने BJP और कांग्रेस के कल्चर में फर्क बताया.
भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने भाजपा और कांग्रेस के कल्चर में फर्क बताते हुए कहा कि बीजेपी में बोलने की आजादी नहीं है. आप कहने को पार्टी के अंदर बात कर सकते हो, लेकिन वहां भी आम तौर पर जब कोई मीटिंग होती है तो उसमें पहले से ही तय स्क्रिप्ट होती हैं. वहां पर पहले से ही रटा-रटाया बोलते है. वहां केवल दिखाने के लिए ही फैसले लिए जाते हैं, जैसे की पहले से ही तय किया जा चुका हो. बैठक में सिर्फ उस पर आखिरी मुहर लगाई जाती है. वहां पर होनी वाली चर्चा भी केवल दिखावे के लिए होती है. वहीं अगर कांग्रेस की बात करें तो वहां पर ऐसा नहीं है.
बृजेन्द्र सिंह ने कांग्रेस की तारीफ करते हुए कहा कि कांग्रेस में आप अपनी बातों को खुलकर बोल सकते हैं. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि पार्टी को अपने संगठन का विस्तार नहीं बल्कि उसको बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए. कांग्रेस का विस्तार तो बहुत बड़ा है, लेकिन अभी संगठन के नाम पर जो लोग नेताओं के साथ जुड़े हैं चाहे वो विधानसभा स्तर पर हों, लोकसभा स्तर पर या राज्यस्तर पर. उस तरह से संगठन चल रहा है. उन्होंने कहा कि संगठन को गांव, ब्लॉक, हलकास्तर, जिलास्तर पर करें तो उसका प्रभाव ज्यादा रहता है. विधानसभा के चुनाव में इसकी अहमियत और ज्यादा बढ़ जाती है. क्योंकि विधानसभा चुनाव में मुकाबला लोकसभा से ज्यादा कड़े होते हैं. लोकसभा का चुनाव पार्टी एवं हवा के हिसाब से चलता है. इस बार हरियाणा के लोगों ने भाजपा को सबक सिखाने का मन बना रखा था, जो लोकसभा के चुनाव परिणामों में दिखा भी. हालांकि, पोलिंग वाले दिन संगठन की कमी भी महसूस हुई.
Input- Gulshan