Child Health News: अगर आपको लगता है कि बच्चा‌ खिलौनों से तो‌‌ खेल ही सकता है तो एम्स के डॉक्टरों की वॉर्निंग को ध्यान से पढ़ें. हरियाणा के एक मासूम की जान चप्पल की सीटी निगलने से आफत में आ गई. आइये इस रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि कैसे बच्चे की जान बचाई गई.


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हरियाणा के नूंह का 4 साल का मासूम बच्चा एम्स (AIIMS) की कैजुअल्टी में लाया गया तो‌ उसकी सांस के साथ सीटी बज रही थी. बच्चे ने‌ ईद में दिलाई गई सीटी वाली चप्पल में से सीटी‌ निगल ली थी. अस्पताल पहुंचने पर बच्चे को सीधे ओटी‌ (Operation Theatre) ले जाया गया. जहां पर उसकी एंडोस्कोपी करके बच्चे‌ की सांस नली से सीटी‌ निकाली गई.


21 अप्रैल रात को हुई ये सर्जरी
बता दें कि शनिवार-रविवार की रात 3 बजकर 30 मिनट पर बच्चा AIIMS लाया गया. जहां सुबह 5 बजे ही उसका ऑपरेशन किया गया. इस काम के लिए बच्चे की सांस नली में एंडोस्कोप वाला कैमरा, रोशनी के लिए लाइट, ऑक्सीजन के लिए ट्यूब, ऑब्जेक्ट पकड़ने के लिए औजार, यानी कुल चार चीजें डालनी पड़ी थीं. तब जाकर उस बच्चे के गले में अटकी सीटी बाहर निकल पाई थी.


लड़के साबित होते हैं ज्यादा शरारती
2-3 साल के बच्चे खास तौर पर कुछ भी निगल लेते हैं. डॉक्टरों की‌ राय में ये चीजें बच्चों के‌‌ लिए जानलेवा हो सकती हैं. मूंगफली, बादाम, कमीज के बटन, सेफ्टी पिन, चाइनीज खिलौनों की बैटरी, बालों में लगी पिन, माला के मोती आदी चीजों को इस उम्र के बच्चों से जितना दूर रखोगे, उतना आपके लिए और बच्चे के लिए सही रहेगा. वरना ऐसी दिक्कत कभी भी आपके साथ हो सकती है. इसलिए इन मामलों में जितनी सावधानी बरत सको उतनी बरतनी चाहिए.


साल भर में औसतन 100 ऐसे बच्चे पहुंचते हैं AIIMS
ऐसे बच्चे बहुत बार एम्स (AIIMS) की एमरजेंसी में लाए जाते हैं. ये स्थिति जानलेवा हो सकती है. इसलिए आमतौर पर बच्चों को कैजुअल्टी से एम्स के ऑपरेशन थियेटर ले जाते हैं. आमतौर पर सभी बच्चे बचा लिए गए हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक खिलौनों की बैटरी खतरनाक होती है. बैटरी सांस की नली में चली जाए तो खत्म बैटरी में भी इतना करंट‌ होता है कि वो सांस नली को जलाकर खाने की नली में पहुंचाकर दोनों नली आपस में मिला सकती है.