MCD के एकीकरण से चरमरा गई है सफाई व्यवस्था, AAP मंत्री बोले- कब होंगे MCD चुनाव?
दिल्ली में नगर निगम के एकीकरण को लेकर केजरीवाल सरकार के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि केंद्र सरकार ने मनमानेपन से एकीकरण का फरमान सुनाया, जिसके बाद से दिल्ली की व्यवस्था बिगड़ गई है. मंत्री ने आगे कहा कि बीजेपी ने यह एकीकरण चुनाव में हार से डर के कारण किया.
दीक्षा पांडेय/नई दिल्ली: एमसीडी (MCD) के एकीकरण को लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. गोपाल राय के अनुसार एमसीडी के एकीकरण के बाद दिल्ली के अंदर सभी विधानसभा क्षेत्रों और वार्डों में सफाई की व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है. केंद्र सरकार ने मनमानेपन से एकीकरण का फरमान सुनाया, जिसके बाद दिल्ली की व्यवस्था को ताक पर रख कर सो गई है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री का कहना है कि पहले सफाई से संबंधित शिकायतों को दर्ज कराना जनता के लिए मुमकिन था, मगर अब अब दिल्ली वासियों का कोई माई बाप नही है.
ये भी पढ़ें: एक जुलाई से बढ़ने वाली है ऐसे व्यापारियों की मुश्किल, केजरीवाल सरकार ला रही ऐसा नियम
इतना ही नहीं, दिल्ली मंत्री के आरोपों के मुताबिक केंद्र सरकार ने एमसीडी एकीकरण से दिल्ली के कायाकल्प का दावा तो किया, लेकिन अब तक एक पैसे का फंड एमसीडी को नहीं दिया गया. 3 अधिकारी और 1 कमिश्नर बिठा कर उन्हें लगा कि दिल्ली की सभी समस्या सुलझ जाएंगी मगर व्यवस्था अब ध्वस्त है. गोपाल राय ने देश के देश के गृहमंत्री और बीजेपी (BJP) से मांग की कि दिल्ली में 15 साल एमसीडी में आपकी सत्ता रही, 10 साल की सत्ता के बाद पूरी दिल्ली में भ्रष्टाचार का बोल बाला रहा.
गोपाल राय ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने स्वीकार किया कि अपने 272 पार्षदों पर चुनाव करवाएंगे तो इनकी जमानत जब्त हो जाएगी. इसलिए इन्होंने एक शॉर्टकट रास्ता अपनाया. सारे पार्षदों का टिकट काट दिल्ली के लोगों से दोबारा विश्वास मांगा. 5 साल के लिए ऐसे लोगों को लेकर आए, जिन्होंने भ्रष्टाचार में रही सही कसर अंतिम 5 साल में पूरी की, जो बीते 10 सालों में भ्रष्टाचार नहीं कर सके, उनका रिकॉर्ड अगले पांच साल में तोड़ दिया. मंत्री ने आरोप लगाया कि पैसे की कमी के नाम पर एमसीडी के अंदर की संपत्तियां सरेआम बेची गई. जब कि पैसे की कमी भ्रष्टाचार के बढ़ने की वजह से हुई.
केंद्र सरकार पर साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि जब अगले चुनाव की बारी आई तो 9 मार्च को चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग की पीसी रखी गई, जिसके बाद जानबूझकर उसे कैंसल करा दिया. आज दिल्ली की स्थिति बदतर है. केंद्र सरकार ने मनमानी कर ये निर्णय लिया. सवाल उठता है कि बीते 15 सालों में दिल्ली के कायाकल्प के लिए एकीकरण की याद क्यों नही आई, चुनाव हारने के डर से केंद्र ने यह साजिश की. इसके लिए केंद्र ने नफरत और बुलडोजर खूब चलाया. राजेंद्र नगर उप चुनाव का जिक्र करते हुए गोपाल राय ने कहा कि चुनावी वक्त में हमारे खिलाफ पोल खोल अभियान चलाया. मगर चुनाव परिणाम से साफ हो गया कि दिल्ली के लोग बीजेपी और एमसीडी के अंदर की भ्रष्ट राजनीति को नहीं चाहते.
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से मांग की है कि एमसीडी एकीकरण के बाद से दिल्ली के अंदर तीनों नगर निगम का सेटअप पहले जैसा ही रहे. फाइलें अपनी जगह पड़ी हुई हैं. कर्मचारियों में जिम्मेदारी को लेकर भ्रम है. मांग है कि एक टाइम बाउंड के तहत डीलिमिटेशन और चुनाव का वक्त तय किया जाए और दिल्ली के लोगों के सामने स्वरूप को स्पष्ट किया जाए. इस पर केंद्र सरकार से मीटिंग के सवाल पर गोपाल राय ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मिलने का वक्त भी नहीं देती. केंद्र सरकार ने अगर तेज गति से सेल्फ नोटिस लेकर यह कार्रवाई की है और दिल्ली की जनता को बीच में ही छोड़ दिया है तो अब दिल्ली की जनता को पार कराने की जिम्मेदारी उनकी है.
आखिर क्या है दिल्ली सरकार की मांग?
दिल्ली सरकार के मुताबिक वार्डों के डिलिमिटेशन का वक्त बताएं, टीम गठित करें, और चुनाव की तारीख बताएं.
WATCH LIVE TV