चंडीगढ़: हरियाणा में विधायकों को मिल रही धमकियों के मामले में आज एसटीएफ ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से 2 को मुंबई से जबकि 4 को बिहार के मुजफ्फरपुर से पकड़ा गया. अब तक आरोपियों से 55 एटीएम कार्ड, 24 मोबाइल, 56 सिम, 22 पासबुक/चेकबुक, 3,97,000 रुपये, एक गाड़ी टाटा पंच और 3 डायरियां बरामद की गई हैं. 


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पुलिस के मुताबिक इन मोबाइलों के तकनीकी विश्लेषण से यह तथ्य सामने आया कि ये मिडिल ईस्ट देशों के नंबर हैं और पाकिस्तान में बैठकर ऑपरेट किए जा रहे थे. पंजाब के पूर्व विधायकों को भी इन्हीं नंबरों से धमकी दी गई थी. इन विधायकों को अलग अलग भाषा और तरीके- जैसे बम्बईया स्टाइल या पंजाबी भाषा में धमकाया गया.      


आईजीपी एसटीएफ हरियाणा सतीश बालन द्वारा इन सभी मुकदमों की तफ्तीश के लिए एक एसआईटी एसटीएफ के एसपी सुमित कुमार के नेतृत्व में बनाई गई, जिसमें एसटीएफ के डीएसपी संदीप धनखड़ व एसटीएफ के डीएसपी सुरेन्द्र किन्हा के  नेतृत्व में एसटीएफ यूनिट की टीमें तैयार की गई.  


करीब 15 दिन लंबे चले इस ऑपरेशन को डीजीपी हरियाणा प्रशांत कुमार अग्रवाल ने व्यक्तिगत तौर पर सुपरवाइज और मॉनिटर किया. इस विषय में पुलिस महानिदेशक, हरियाणा के द्वारा सेंट्रल एजेंसी की भी मदद ली गई. एसटीएफ द्वारा इन सभी मोबाइल नंबरों और आईपी एड्रेस का तकनीकी विश्लेषण किया और सेंट्रल एजेंसी का भी सहयोग लिया गया. इस तकनीकी विश्लेषण में करीब 5 टीमों ने अलग अलग कार्य किया.


एसटीएफ ने एक सुनियोजित प्लान के तहत इनको पैसे देने के लिए उनके खाता नंबर और मोबाइल नंबर मांगे. उन खाता नंबरों को ट्रेस करने के लिए 2 अलग-अलग टीमों द्वारा मुंबई और मुजफ्फरपुर बिहार मे रेड की गई.


मुंबई से बेतिया बिहार के दुलेश आलम और बस्ती यूपी निवासी बदरे आलम को गिरफ्तार किया. एसटीएफ ने गोपालगंज बिहार से अमित यादव, मोतीहारी से सद्दीक अनवर, मुजफ्फरपुर से सनोज कुमार और बेतिया से कैश आलम को गिरफ्तार किया गया.


ये लोग आम आदमी/गरीब व्यक्तियों से संपर्क करके उनको लालच देकर (15-20 हजार रुपये तक) उनका बैंक में खाता खुलवाकर उस खाते की सारे कागजात (बैंक पासबुक,चैक बुक, एटीएम कार्ड, एटीएम पासवर्ड) अपने पास रख लेते थे. साथ ही हर खाते को ऑपरेट करने के लिए फर्जी सिम कार्ड खरीद लेते थे. इन रेड के दौरान मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच और एसटीएफ बिहार व बिहार पुलिस का पूरा सहयोग एसटीएफ हरियाणा को मिला. तफ्तीश के दौरान इन दोषियों से करीब-करीब 10 ऐसे पाकिस्तान में रहने वाले व्यक्तियों का पता लगा, जिनके द्वारा धमकियां दी जाती थी और एक्सटॉर्शन का पैसा मंगवाया जाता था.


लॉटरी निकलने का लालच देकर ठगते थे पैसे
पूरी तफ्तीश से यह तथ्य स्पष्ट है कि ये सभी धमकियां व एक्सटॉर्शन कॉल न तो किसी आपराधिक गैंग की है और न ही किसी आतंकी संगठन की है, बल्कि यह एक प्रोफेशनल आर्थिक फ्रॉड करने वालों का गैंग है. जिनके साथी पाकिस्तान व मिडिल ईस्ट और भारत में बैठे हुए हैं. विदेश बैठे अपराधी धमकी देकर, कौन बनेगा करोड़पति या लॉटरी निकलने का लालच देकर पीड़ित से पैसे निकलवाते तथा दुलेश/अमित द्वारा दिए गए बैंक खातों में पीड़ित से पैसे डलवाते थे. दुलेश और अमित इन पैसों को पाकिस्तान में बैठे अपराधियों द्वारा दिए गए भारतीय बैंक खातों मे डलवाते थे. इस पूरे ऑपरेशन के दौरान सेंट्रल एजेंसी, महाराष्ट्र पुलिस और बिहार पुलिस का पूरा सहयोग एसटीएफ हरियाणा को मिला है.