DCW Firing: LG के आदेश के बाद फफक उठी तेजाब पीड़िता, बोलीं- बिना काम कहां जाएंगे हम?
DCW Firing: दिल्ली महिला आयोग (DCW) के 223 संविदा कर्मचारी 8 महीने से बिना सैलरी के काम कर रहे थे, लेकिन 21 अक्टूबर को दिल्ली के LG ने इन्हें नौकरी से निकालने का आदेश दिया गया, जिससे वो काफी परेशान हैं. ऐसे में उन्होंने कहा कि हम अब क्या करें ये समझ नहीं आ रहा है.
Delhi Women's Commission Firing: दिल्ली में DCW के 223 संविदाकर्मी पिछले 8 महीने से बिना सैलरी के इस उम्मीद में लगातार काम कर रहे थे कि कभी न कभी उनके उच्छे दिन आएंगे और उन्हें सैलरी मिलेगी, लेकिन दिवाली से कुछ दिन पहले सोमवार 21 अक्टूबर को दिल्ली के LG की ओर से दिल्ली महिला आयोग से संविदा कर्मचारियों को निकालने का फैसला दे दिया गया, जिससे उनके घर में अंधेरा छा गया है. ऐसे में अब वो परेशान हैं, उनका दुख सुनने वाला कोई नहीं है!
पक्की नौकरी का दिया गया था आश्वासन
संविदा कर्मियों का कहना है, "होली के समय भी उन्हें हटाने का ऑर्डर दिया गया था. उन्हें 8 महीने से सैलरी नहीं मिली है. LG की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनकी नौकरी पक्की की जाएगी और सैलरी दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. कहां गए वो वादें?
पूर्व CM ने दिया नौकरी दिलाने का भरोसा
इस मुद्दे पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "मेरी जिन बहनों को DCW से निकला गया है, मैं उन्हें भरोसा दिलाता हूं कि उन्हें उनकी नौकरी वापिस दिलवाऊंगा, चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े."
कैसे करेंगे गुजारा?
वहीं, नौकरी से निकाले जाने के बाद एक तेजाब पीड़िता फफक उठीं. उन्होंने कहा, बिना कुछ बताए हमें निकाल दिया गया. हमें आज से ही मना कर दिया गया. ऐसे में हम लोग कहां जाएंगे? हमलोग गरीब लोग हैं, पढ़े-लिखे नहीं हैं, बेसहारे हैं, तेजाब का जला हुआ मुंह है. हम हीं घर चलाते हैं. घर में कोई कमाने वाला नहीं है. किराए के घर में रहते हैं. हम कब ऐसे अपनी जिंदगी गुजार पाएंगे? जब से काम मिला, तब से हमारी जिंदगी कुछ आराम की हुई. हम आराम से काम कर रहे थे, लेकिन अब हमारे पास कुछ नहीं बचा.
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पूर्व CM ने साधा निशाना
इस मामले पर दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, भारतीय जनता पार्टी नौकरियों के खिलाफ है. बीजेपी की ओर से यह काम कराया गया है. भारतीय जनता पार्टी जब भाषण देती है और घोषणा पत्र बनाती है तो नौकरियों की बात की जाती है, लेकिन आज दिवाली से पहले भारतीय जनता पार्टी ने एक झटके में नौकरी से निकाल दिया, जबकि ये काफी शानदार काम कर रहे थे.
क्या हम अच्छा काम नहीं कर रहे थे?
संविदा कर्मचारी काफी लंबे समय से दिल्ली महिला आयोग में नौकरी कर रहे थे, लेकिन उन्हें बिना किसी कारण बताए अचानक निकाल दिया गया. इस पर एक कर्मचारी ने कहा कि वो पिछले 8 साल से यहां पर काम कर रही थीं. हमें अचानक कहा गया कि आपको नौकरी पर नहीं आना है. क्या हम सही से काम नहीं कर रहे थे? पीछले 10 महीने से हमारी सैलरी नहीं दी गई है. ऐसे में हमें अचानक क्यों निकाला गया?